श्रीनगर: कश्मीर में अलगाववादी नेताओं की एनआईए छापेमारी पर चर्चा करने के लिए प्रस्तावित बैठक को प्रशासन ने रोक दिया और इसमें भाग लेने वाले सभी लोगों को हिरासत में ले लिया. यह बैठक हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के नेता सैयद अली शाह गिलानी के आवास पर होनी थी. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि सुरक्षाकर्मियों को गिलानी के आवास के बाहर तैनात कर दिया गया. किसी को भी अंदर नहीं जाने दिया गया.


हुर्रियत के एक प्रवक्ता ने कहा कि हुर्रियत कांफ्रेंस के नरमपंथी धड़े के नेता मीरवाइज उमर फारूक को बैठक में भाग लेने से रोकने के लिए कल शाम से ही घर में नजरबंद कर रखा है. जेकेएलएफ प्रमुख मोहम्मद यासीन मलिक को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया और यहां एक पुलिस थाने में रखा गया है.


एक अन्य अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह को भी नजरबंद कर दिया गया. कश्मीर में सड़कों पर प्रदर्शन के फंडिंग और हवाला कारोबार करने के संदिग्ध कारोबारियों पर कार्रवाई के तौर पर कई अलगाववादी नेताओं के यहां राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की छापेमारी के मद्देनजर होने वाली इस बैठक में अलगावादी नेताओं और उद्योग समुदाय के सदस्यों को भाग लेना था.


बाद में, अलगाववादियों ने एक संयुक्त बयान में कहा, “बैठक करने की अनुमति ना देना राज्य के प्राधिकारियों के लिए नियम बन गया है जो नई दिल्ली में अपने मालिकों के आदेश पर दमन के जरिए शांति बनाए रखने का स्वांग रचते हैं.” अलगाववादियों ने संदिग्धों की खोज, विरोधी कार्यकर्ताओं, नेताओं और कारोबारी समुदाय के सदस्यों के दमन और उन्हें डराने धमकाने के खिलाफ घाटी में शुक्रवार की नमाज के बाद शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आह्वान किया है.