NIA ने हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी के घर पर की छापेमारी, बड़ी साजिश में रहा है शामिल
Hizbul Mujahideen Terror Case: एनआईए ने रियाज अहमद के ऊपर तीन लाख रुपये का इनाम रखा है. रियाज हिजबुल मुजाहिदीन का जिला उप-कमांडर भी है.
NIA Raids: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार (22 जुलाई) को हिजबुल मुजाहिदीन की आतंकी साजिश मामले में फरार आरोपी के घर पर छापेमारी की. आरोपी की पहचान जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के रहने वाले रियाज अहमद उर्फ हजारी के रूप में हुई है. अधिकारियों ने बताया कि पुलिस की विशेष जांच इकाई और एनआईए ने जिले के मारवाह इलाके में रियाज के घर पर छापा मारा.
उन्होंने कहा कि गैर-कानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम के तहत यह कार्रवाई की गई है. एनआईए ने रियाज अहमद की जानकारी देने वाले को 3 लाख रुपये के नकद इनाम की घोषणा की है. एजेंसी ने छापेमारी के दौरान एक मोबाइल फोन जब्त किया है जिसकी जांच की जा रही है. ये केस शुरू में 12 सितंबर 2018 को एटीएस लखनऊ दर्ज किया था. इसके बाद 24 सितंबर 2018 को एनआईए ने केस दर्ज कर जांच अपने हाथ में ली थी.
2019 में मारा गया था एक आरोपी
ये केस कमरुक जमान और अन्य के खिलाफ यूपी और देश के अन्य हिस्सों में आतंकी हमले करने की आपराधिक साजिश से संबंधित है. कामरुन और एक फरार आरोपी ओसामा बिन जावेद के खिलाफ 11 मार्च 2019 को एनआईए विशेष अदालत लखनऊ में आईपीसी और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया गया था. ओसामा 28 सितंबर 2019 को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था.
रियाज अहमद ने कराई थी ट्रेनिंग
जांच से पता चला है कि आरोपी कमरुज जमान को हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल होने के लिए ओसामा बिन जावेद की ओर से कट्टरपंथी बनाया गया था और दोनों को आतंकी संगठन ने नौ महीने की ट्रेनिंग दी थी. फरार आरोपी रियाज अहमद एक सक्रिय आतंकवादी और हिजबुल मुजाहिदीन का जिला उप कमांडर अपने सह-आरोपी मोहम्मद अमीन उर्फ जहांगीर सरूरी के साथ जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के जंगलों में आरोपी कमरुन जमान और ओसामा बिन जावेद की भर्ती और प्रशिक्षण में शामिल था.
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