राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ दर्ज मामले में बुधवार को कश्मीर घाटी में कई जगहों पर छापेमारी की. बारामूला, शोपियां और पुलवामा जिलों में जमात कार्यकर्ताओं के ठिकानों पर छापेमारी जारी है. अब तक, छापेमारी के दौरान कम से कम तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है और एजेंसी ने कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज जब्त किए हैं.
एजेंसी के अधिकारियों ने प्रतिबंधित संगठन जमात ए इस्लामी के खिलाफ दर्ज एक मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की सहायता से कई स्थानों पर छापेमारी की. गृह मंत्रालय के एक आदेश के अनुसरण में जांच एजेंसी एनआईए द्वारा मामला दर्ज किया गया था.
एनआईए ने अपने बयान में कहा था, "संगठन के सदस्य देश और विदेश में विशेष रूप से ज़कात, मौदा और बैत-उल-मल के रूप में दान के माध्यम से और अन्य कल्याणकारी गतिविधियों के लिए पैसा इकट्ठा कर रहे हैं, लेकिन इन फंड्स का इस्तेमाल हिंसक और अलगाववादी गतिविधियों के लिए किया जा रहा है.
एनआईए के मुताबिक, जमात के जुटाए पैसों को हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम), लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और अन्य जैसे आतंकवादियों को जमात कैडरों के सुव्यवस्थित नेटवर्क के माध्यम से भी भेजा जा रहा है. जमात कश्मीर के प्रभावशाली युवाओं को भी प्रेरित कर रहा है और विघटनकारी अलगाववादी गतिविधियों में भाग लेने के लिए जम्मू-कश्मीर में नए सदस्यों (रुकुन) की भर्ती कर रहा है.
सूत्रों ने बताया कि शोपियां में अब्दुल हामिद शाह के तुर्कावंगम, शाहजादा अवारंग जीब के चित्रगाम और मोहम्मद अशरफ चल्ला के डीके पोरा, रयाज अहमद अहरार और रफी अहमद अहरार के दलाल मोहल्ला कस्बे में स्थित आवासों पर छापेमारी की जा रही है. रयाज अहमद जम्मू-कश्मीर बैंक में कर्मचारी है और रफी पुलवामा स्थित एक निजी वाहन कंपनी के मालिक हैं.
बारामूला में पूर्व जिलाध्यक्ष जमात-ए-इस्लामी अब्दुल गनी वानी समेत कई रिहायशी घरों में छापेमारी की गई. राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा पुलवामा के पिंगलाना सहित कई अन्य स्थानों की तलाशी ली जा रही थी. आधिकारिक सूत्रों ने कहा, 'बुधवार को तलाशी के दौरान संदिग्धों के परिसरों से विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए." उन्होंने कहा कि मामले की आगे की जांच जारी है.'
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