PFI Ban: केंद्र सरकार ने आतंकी गतिविधियों में शामिल कुख्यात संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई को गैरकानूनी संस्था घोषित करते हुए इस पर 5 साल का बैन लगा दिया है. वहीं NIA ने इस मामले में पांच नए केस दर्ज किए हैं. एनआईए पहले से PFI के खिलाफ 14 मामलों की जांच कर रही है और 355 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है.


ईडी ने पीएफआई के खिलाफ मनी लांड्रिंग के दो नए केस दर्ज किए हैं और दो केस की पहले से जांच कर रही है. मंगलवार के छापों में मिले सबूतों के आधार पर कई राज्यों की पुलिस अलग-अलग FIR दर्ज करेंगी. पीएफआई के साथ साथ इसके सहयोगी संगठनों पर भी सरकार ने बैन लगा दिया गया है. पीएफआई की देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की आशंका की वजह से कई दिनों से सरकारी एजेंसियां जांच कर रही थीं.


पीएफआई के सहयोगी संगठनों में जिन पर प्रतिबंध लगाया गया है



  • उनमें रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ)

  • कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई)

  • ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी)

  • नेशनल कंफेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट ऑर्गेनाइजेशन (एनसीएचआरओ)

  • नेशनल वूमंस फ्रंट

  • जूनियर फ्रंट

  • एम्पावर इंडिया फाउंडेशन

  • रिहैब फाउंडेशन केरल

  • इसके अलावा PFI के साथ अब भारत में राष्ट्रव्यापी प्रतिबंधित करीब 43 संगठन हो चुके हैं.


पीएफआई का गठन


पीएफआई का गठन 2006 में हुआ था. यह संगठन दक्षिण भारत के तीन मुस्लिम संगठनों का विलय करके बना था और ये तीनों संगठन 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के पश्चात बने थे. इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल थे. देश के 23 राज्यों में PFI संगठन सक्रिय है. स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानि सिमी पर बैन लगने के बाद पीएफआई का विस्तार तेजी से हुआ. कर्नाटक, केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में इस संगठन की काफी पकड़ बताई जाती है.


क्या पीएफआई और सिमी में कोई कनेक्शन है?


1977 से देश में सक्रिय सिमी पर 2006 में प्रतिबंध लगा गया था. सिमी पर प्रतिबंध लगने के चंद महीनों बाद ही पीएफआई अस्तित्व में आया. पीएफआई की एक्टिविटीज को लेकर साल 2012 से ही अलग-अलग मौकों पर पीएफआई पर कई तरह के आरोप भी लगते रहे हैं.


पीएफआई पर क्या आरोप हैं?



  • पीएफआई एक कट्टरपंथी संगठन है. साल 2017 में NIA ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी.

  • NIA के डोजियर के मुताबिक यह संगठन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. यह संगठन मुस्लिमों पर धार्मिक कट्टरता थोपने और जबरन धर्मांतरण कराने का काम करता है.

  • साल 2012 में कांग्रेस के ओमन चांडी के नेतृत्व वाली केरल सरकार ने उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि पीएफआई प्रतिबंधित सिमी को दूसरा रूप है, इसके अलावा और कुछ नहीं है.

  • एक सरकारी हलफनामे में यह भी उल्लेख किया गया था कि पीएफआई कार्यकर्ताओं पर 27 हत्या के आरोप हैं.


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