नई दिल्ली: एनआईए ने केरल एयरपोर्ट पर हुए गोल्ड तस्करी के मामले में विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को राज्य सरकार से सहमति मिलने के बाद एनआईए को जांच करने के आदेश दिए थे. एनआईए जांच के दौरान यह भेद खोलने की कोशिश करेगी कि यह सोना किसके लिए आया था और क्या इसका इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों में तो नहीं होना था?
एनआईए के आला अधिकारी के मुताबिक इस मामले में चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. इनके नाम सारिथ, सपना प्रभा सुरेश, फैजल और संदीप नायर बताए गए हैं. यह चारों केरल के ही रहने वाले बताए जाते हैं. इसके अलावा कुछ अज्ञात लोगों को भी एफआईआऱ में डाला गया है.
इस मामले में आरोप है कि दुबई से आने वाले एक कार्गो बैग में लगभग 15 करोड़ रुपये मूल्य का 30 किलोग्राम सोना बरामद हुआ था. यह बैग यूएई काउंसलेट का था. विएना कन्वेंशन के तहत यूएई काउंसलेट को चेकिंग से छूट दी गई है. इस बैक को लेने के लिए सारिथ नाम का शख्स एयरपोर्ट पर आया था जो पहले यूएई काउंसलेट में जनसंपर्क अधिकारी के तौर पर तैनात था.
इस मामले की आरंभिक जांच के दौरान कस्टम विभाग केरल ने पाया था कि सारिथ ने इसके पहले भी ऐसे अनेक बैग एयरपोर्ट से काउंसलेट के नाम पर छुडाएं थे. इस बैग की तलाशी के दौरान कस्टम अधिकारियों को करोड़ों का सोना बरामद हुआ था. जांच अधिकारियों का मानना था इस तरह से सोने की तस्करी यह जाहिर करती है कि इससे भारतीय सुरक्षा को भी खतरा पैदा हो सकता है. साथ ही दो देशों के संबंध संबंधों में भी तनाव आ सकता है. यूएई काउंसलेट ने इस बैग के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की थी और कहा था कि वह हर तरह से जांच में शामिल होने के लिए तैयार है.
एनआईए का मानना है कि इस तरह की तस्करी से आतंकवाद को भी बढ़ावा मिल सकता है और इस बात से इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि यह सोना आतंकवादी गतिविधियों के लिए भारत लाया गया हो. इस मामले में केरल में विवाद इसलिए भी उठा था क्योंकि इसमें से एक आरोपियों में से एक महिला केरल सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी की नजदीकी बताई जाती है. फिलहाल केंद्र सरकार के निर्देश पर अब एनआईए ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के लिए एनआईए की एक टीम केरल पहुंच रही है.
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