Nuh Violence: हरियाणा में पलवल के पोंडरी में रविवार (13 अगस्त) को हिंदू महापंचायत हुई. इस महापंचायत को विश्व हिंदू परिषद की बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा को फिर से शुरू करने की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए अनुमति दी गई थी. इसमें 51 लोगों की कमेटी बनाई गई थी, जिन्होंने मिलकर इसमें कई अहम फैसले लिए.
कमेटी के मेंबर रतन सिंह ने कहा कि एनआईए (NIA) से नूह हिंसा की जांच कराई जाए. दंगों में जो लोग मारे गए उनके परिवार को 1 करोड़ का मुआवजा और 1 सदस्य को सरकारी नौकरी मिले. घायलों के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा मिले.
उन्होंने कहा कि दंगो में जिसकी दुकान और दूसरा नुकसान हुआ है, उसका आकलन वो शख्स खुद करे और सरकार उसे मुआवजा दे. जो भी रोहिंग्या और बांग्लादेशी रह रहे हैं, उन्हें बाहर निकाला जाए. नूंह और पलवल का जो भी शख्स सेल्फ डिफेंस के लिए आर्म लाइसेंस मांगे, उसे मिलना चाहिए.
महापंचायत में रखीं ये मांगें
आर्म्ड फोर्सेज का एक हेडक्वार्टर मेवात में हो, जिससे सुरक्षा सुनिश्चित हो, जिन्होंने दंगा किया है उनकी पहचान हो. उनसे नुकसान की भरपाई हो. सरकार से मांग है कि तमाम मुकदमे गुरुग्राम या कहीं और ट्रांसफर हों जिससे दोषियों को जल्द सजा मिल सके.
उन्होंने यह भी मांग की है कि नूंह जिले को खत्म कर दिया जाए. इस इलाके को गौ हत्या मुक्त बनाएं और घोषित करें. पंचायत ने निर्णय लिया है कि सभी लोग घर में गाए पालें. निर्दोष लोगों को रिहा किया जाए. 28 अगस्त को जलाभिषेक यात्रा पूरी की जाएगी.
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