Nijjar's death certificate: कनाडा ने हरदीप सिंह निज्जर का डेथ सर्टिफिकेट भारत के साथ साझा करने से मना कर दिया है. इस फैसले दोनों देशों के बीच रिश्तों में तनाव और ज्यादा बढ़ सकता है. निज्जर एक सिख अलगाववादी नेता था और पिछले बीते साल कनाडा में उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. भारतीय अधिकारियों के अनुसार, ये मामला कानून प्रवर्तन सहयोग पर भी असर डाल रहा है. 


निज्जर की हत्या में कनाडाई अधिकारियों ने चार भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया है. इनके ऊपर पहले दर्जे की हत्या और साजिश का आरोप लगाया गया है. साथ ही इस साजिश के पीछे भारत के होने का भी दावा किया जा रहा है. हालांकि, भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. 


निज्जर के मृत्यु प्रमाणपत्र की मांग पर क्या बोले कनाडाई अधिकारी
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) से निज्जर का मृत्यु प्रमाणपत्र मांगा था. ये मांग लंबे समय से दर्ज मामलों में अदालत में उनके रिकॉर्ड को अपडेट करने के लिए की गई थी.


एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि जब उन्होंने मृत्यु प्रमाणपत्र की मांग की तो कनाडाई अधिकारियों ने ये कहते हुए प्रमाणपत्र देने से इनकार कर दिया कि आपको इसकी जरूरत क्यों है? इससे ये स्पष्ट होता है कि वे इससे संबंधित कोई भी जानकारी शेयर नहीं करना चाहते. 


ट्रूडो ने भारत पर लगाए गंभीर आरोप
NIA और RCMP के बीच आतंकवाद और अन्य गंभीर अपराधों के मामलों में सहयोग के तंत्र हैं. क्योंकि इससे पहले दोनों पक्षों ने अक्सर सीधे जानकारी शेयर किया है. कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने सितंबर 2023 में एक कूटनीतिक संकट को जन्म दिया. जब उन्होंने निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने का आरोप लगाया. इस महीने की शुरुआत में ट्रूडो ने RCMP के निष्कर्षों का हवाला देते हुए कहा कि कनाडा के पास भारतीय सरकार की संलिप्तता के "स्पष्ट और मजबूती से समर्थनित सबूत" हैं.


भारत ने कनाडा सरकार के सभी आरोपों का खंडन किया
भारत ने कनाडाई सरकार की ओर से लगाए गए सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कनाडा ने अभी तक इससे संबंधित को सबूत शेयर नहीं किया है. इसके बाद दोनों देशों ने कई राजनयिकों को निष्कासित किया है, जिसमें कनाडा के कार्यवाहक हाई कमिश्नर स्टीवर्ट व्हीलर भी शामिल हैं.


भारत ने निज्जर को किया था आतंकवादी घोषित
भारत ने निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था और उस पर पंजाब में लक्षित हत्याओं में शामिल होने का आरोप लगाया है. भारतीय अधिकारियों का कहना है कि कनाडा ने खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों को आश्रय दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पिछले हफ्ते कहा कि कनाडा ने भारत की प्रत्यर्पण अनुरोधों पर अभी तक कोई कार्रवाई शुरू नहीं की है.


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