Medinipur Stone Pelting: 'बंगाल के लोग शांति और सद्भाव के हकदार, दोषियों पर हो कार्रवाई', मेदिनीपुर में पथराव की घटना पर राज्यपाल आनंद बोस ने कही बड़ी बात
Medinipur News: राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने कहा कि यह चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि चुनाव के दौरान हिंसा करने वालों पर मामला दर्ज किया जाए और कड़ी कार्रवाई की जाए.
Medinipur Stone Pelting Incident: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने शुक्रवार (19 अप्रैल, 2024) को भारतीय चुनाव आयोग से मेदिनीपुर में हुए पथराव की घटना की जांच का आग्रह किया. उन्होंने इसके दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी की. 6 अप्रैल को पूर्व मेदिनीपुर जिले में एक विस्फोट मामले में जांच के लिए पहुंची नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के अधिकारियों पर स्थानीय लोगों ने हमला बोल दिया था.
सीवी आनंद बोस ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, "शांति और सद्भाव एक ऐसी चीज है जिसे बंगाल के लोग चाहते हैं और बंगाल के लोग इसके हकदार हैं. यह सुनिश्चित करना अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वहां कानून हो और राज्य में आदेश दिया जाए, खासकर चुनाव के दौरान हिंसा करने वालों पर मामला दर्ज किया जाए और कड़ी कार्रवाई की जाए, यह चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है.''
#WATCH | Kolkata: On alleged stone pelting incident in West Bengal's Medinipur, WB Governor CV Ananda Bose says "...Peace and harmony is something that the people of Bengal want and the people of Bengal deserve. It is after the authorities to ensure that there is law and order in… pic.twitter.com/5s2WbSO294
— ANI (@ANI) April 19, 2024
NIA के वाहन में भी की गई थी तोड़फोड़
एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एनआईए के अधिकारी जिस वाहन में यात्रा कर रहे थे, उसमें कथित तौर पर तोड़फोड भी की गई थी. यह सब तब हुआ था, जब बम विस्फोट के एक केस के सिलसिले में एनआईए की टीम एक व्यक्ति को उठाकर ले जा रही थी. सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में गांव के लोगों की भीड़ जुटी दिख रही है. यह भीड़ एनआईए की टीम को उस आरोपी को ले जाने से रोकते दिख रही है. ग्रामीणों ने कथित तौर पर एनआईए के वाहन पर भी पथराव किया था.
ईडी की टीम पर पहले भी हो चुका है हमला
एनआईए की टीम पर हमले से पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों के साथ भी इस तरह की घटना हो चुकी है. तब ED के अधिकारियों की एक टीम को संदेशखाली में प्रदर्शनकारियों ने घेर लिया और उनके साथ मारपीट की थी. यह घटना तब हुई थी जब ईडी की टीम पूर्व तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख और सत्ताधारी पार्टी के एक अन्य नेता के घर पर छापेमारी करने पहुंची थी.
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