नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनआइए को केरल सोना तस्करी मामले की जांच करने की इजाजत दे दी है. बता दें कि केरल सोना तस्करी मामला कई दिनों से मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के लिए गले की फांस बनी हुई है. कांग्रेस ने तो गुरुवार को भी राज्यव्यापी प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से इस्तीफा मांगा.


इस पूरे मामले पर केंद्र सरकार का कहना है कि यह घटना राष्‍ट्रीय सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है. वहीं विदेशी राजनयिक के नाम पर सोना तस्करी मामले में अन्‍य केंद्रीय एजेंसियों ने भी कार्रवाई तेज कर दी है. एजेंसियों ने फरार आरोपित व केरल के सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आइटी) विभाग की पूर्व कर्मचारी स्वप्ना का पता लगाने में राज्य पुलिस से सहयोग मांगा है, जबकि स्वप्ना ने अग्रिम जमानत के लिए केरल हाई कोर्ट में अर्जी लगाई है.





पिनराई विजयन ने लिखा था पीएम मोदी को खत


बता दें कि बुधवार को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे 'एक प्रभावी जांच के लिए हस्तक्षेप' करने का अनुरोध किया था.


क्या है घोटाला


दरअसल सोने की तस्करी की घटना का पर्दाफाश रविवार पांच जुलाई को तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हुई. हवाई अड्डे पर कस्टम विभाग के अधिकारियों ने पहले से प्राप्त गुप्त सूचना के आधार पर यूएई से आया एक डिप्लोमेटिक सामान पकड़ा. विदेश मंत्रालय से अनुमति लेने के बाद यूएई वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों की मौजूदगी में जब उसे खोला गया तो उसमें घरेलू इस्तेमाल की कई चीजों में भरा हुआ 30 किलो सोना मिला. इसका मूल्य लगभग 15 करोड़ रुपए बताया जा रहा है.


इसके बाद उस व्यक्ति सरित कुमार को कस्टम विभाग ने हिरासत में ले लिया. पूछताछ में सरित ने बताया कि वह लगभग एक साल से हवाई अड्डे से इस तरह का सामान ले जा रहे थे. सरित ने बाद में विभाग को बताया कि उनकी एक सहयोगी केरल सरकार के आईटी विभाग की एक कर्मचारी है जिसका नाम स्वप्ना सुरेश है. सुरेश से पूछताछ करने के लिए जब विभाग हरकत में आया तो पता चला कि वो सामान खोले जाने के एक दिन पहले से लापता हैं.