Nigeria Will Buy Prachand Helicopter: डिफेंस सेक्टर में भारत का फोकस खुद को आत्म निर्भर बनाने का है. यही वजह है कि पिछले कुछ साल में कई रक्षा उपकरण, हथियार और हेलिकॉप्टर का निर्माण भारत में ही हो रहा है. अब मेक इन इंडिया का लोहा दुनिया में भी बजने लगा है.


हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से नाइजीरिया चार लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर ‘प्रचंड’ खरीदने की तैयारी कर रहा है. इन्हें खरीदने के लिए नाइजीरिया सॉफ्ट क्रेडिट की व्यवस्था करने में लगा है. मालूम हो कि नाइजीरियाई सेना के अफसर ध्रुव हेलिकॉप्टर उड़ाने की प्रैक्टिस कर चुके हैं. प्रचंड इसी हेलिकॉप्टर पर बना है. जानते हैं प्रचंड हेलिकॉप्टर की हर खासियत के बारे में विस्तार से.


5800 किलोग्राम है हेलिकॉप्टर का वजन 


दरअसल, प्रचंड वजन के लिहाज से काफी हल्का हेलिकॉप्टर माना जाता है. इससे सीम पर दुश्मनों की गतिविधियों पर नजर रखने में मदद मिलती है. प्रचंड में दो लोगों के बैठने की क्षमता है. इसकी लंबाई 51.10 फीट है, जबकि इसकी ऊंचाई 15.5 फीट है. वजन की बात करें तो इसका वजन 5800 किलोग्राम है. यह हेलिकॉप्टर 268 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से उड़ सकता है. इसका कॉम्बैट रेंज 550 किलोमीटर है.


लगातार सवा तीन घंटे भर सकता है उड़ान


इस हेलिकॉप्टर की एक और खासियत जो इसे खास बनाती है, वो है इसके उड़ने की क्षमता. यह एक बार में लगातार सवा तीन घंटे तक उड़ान भर सकता है. इस हेलिकॉप्टर को ध्रुव हेलिकॉप्टरों से विकसित किया गया है. भारतीय सेना को इस हेलिकॉप्टर की जरुरत 1999 में करगिल युद्ध के दौरान महसूस हुई थी. उसके बाद ही इस पर काम शुरू हुआ.


रडार और लेजर वॉर्निंग सिस्टम से है लैस


अब अगर हथियार के लिहाज से देखें तो इस हेलिकॉप्टर पर एक 20 mm की M621 कैनन या फिर नेक्स्टर टीएचएल-20 टरेट गन लगा सकते हैं. चार हार्डपॉइंट में रॉकेट, मिसाइल या बम भी फिट किए जा सकते हैं. इस हेलिकॉप्टर में लगे अत्याधुनिक एवियोनिक्स सिस्टम से दुश्मनों को ढूंढ़ निकालना काफी आसान होता है. इसमें रडार और लेजर वॉर्निंग सिस्टम लगा है जिसकी वजह से दुश्मन इस पर अटैक नहीं कर सकता है.


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