Aurangzeb Incarnation: 'औरंगजेब का पुनर्जन्म हैं शरद पवार', बीजेपी नेता नीलेश राणे बोले- चुनाव आते ही करने लगते हैं मुस्लिमों की चिंता
Aurangzeb Incarnation: केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नीलेश राणे ने एनसीपी चीफ शरद पवार को औरंगजेब का पुनर्जन्म बता दिया. उनके इस बयान के बाद एनसीपी ने मुंबई में जेल भरो आंदोलन का ऐलान किया है.
Aurangzeb Incarnation: महाराष्ट्र के बीजेपी नेता नीलेश राणे (Nilesh Rane) ने गुरुवार (8 जून) को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) चीफ शरद पवार को औरंगजेब का पुनर्जन्म कहा. एनसीपी ने इसके विरोध में शुक्रवार (9 जून) को मुंबई में जेल भरो आंदोलन करने का ऐलान किया है.
बीजेपी नेता व पूर्व सांसद नीलेश राणे ने मराठी भाषा में ट्वीट करते हुए लिखा कि चुनाव करीब आते ही पवार मुस्लिम समाज के लिए चिंताग्रस्त हो जाते हैं. कभी-कभी ऐसा लगता है कि औरंगजेब का पुनर्जन्म यानी शरद पवार हैं.
नीलेश राणे ने क्यों बताया औरंगजेब का पुनर्जन्म?
NCP चीफ शरद पवार ने कोल्हापुर में हुए बवाल के बाद कहा था कि अभी ऐसी स्थिति है कि हमें मुस्लिम और ईसाई धर्म के लोगों की चिंता करनी चाहिए. दरअसल, महाराष्ट्र में कुछ मुस्लिम युवकों की ओर से औरंगजेब और टीपू सुल्तान की तस्वीरें स्टेटस पर लगाने को लेकर कोल्हापुर में बवाल हो गया था.
7 जून को कोल्हापुर में हिंदुत्ववादी संगठनों ने विरोध मार्च निकाला. इस दौरान कई जगहों पर पथराव और हिंसा की स्थिति देखते हुए पुलिस ने लाठीचार्ज किया. अब तक इस मामले में 36 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
कोल्हापुर की घटना को धार्मिक रंग देना अच्छा संकेत नहीं- शरद पवार
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, शरद पवार से महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति और हिंसा की कुछ घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने दावा किया कि राज्य में कुछ छोटे मुद्दों को 'धार्मिक रंग' दिया जा रहा है. उन्होंने कहा, 'शासक राज्य में कानून-व्यवस्था स्थापित करने के लिए जिम्मेदार हैं. अगर सत्ता पक्ष और उनके लोग इसे लेकर सड़कों पर उतर आते हैं तथा दो धर्मों के बीच दरार पैदा करते हैं तो यह शुभ संकेत नहीं है.'
शरद पवार ने दावा किया, 'अगर औरंगाबाद में (किसी व्यक्ति का) पोस्टर दिखाया जाता है, तो पुणे में हिंसा की क्या जरूरत है, लेकिन ऐसा होने दिया जा रहा है.' पवार ने आरोप लगाया, 'हाल ही में हमने अहमदनगर के बारे में सुना. आज मैंने कोल्हापुर से एक खबर देखी. लोग सड़कों पर निकल आए और फोन पर संदेश भेजने की एक छोटी सी घटना को धार्मिक रंग देना अच्छा संकेत नहीं है.'
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