नई दिल्ली: गोरखपुर BRD मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स का डायरेक्टर मनीष भंडारी गिरफ्तार. पुलिस ने भंडारी को गोरखपुर देवरिया बाईपास से गिरफ्तार किया है. मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के मामले में अबतक सभी 9 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. पुलिस और एसटीएफ भंडारी का तलाश महीने भर से कर रही थी.


BRD मेडिकल कॉलेज में 10 और 11 अगस्त को 36 बच्चों की मौत हुई थी. आरोप है कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन की सप्लाई ना होने की वजह से हुई थी. लेकिन यूपी की योगी सरकार इस आरोप से इंकार करती रही. मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के बाद काफी विवाद हुआ. राहुल गांधी से लेकर अखिलेश यादव तक उन परिवारों से मिले, जिनके बच्चों की मौत हो गई थी. उस समय यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से लोकसभा सांसद थे. इस पूरे मामले को प्रधानमंत्री ऑफिस ने पूरी गंभीरता से लिया. मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएम योगी ने चीफ सेक्रेटरी राजीव कुमार को जांच के आदेश दिए.



जांच रिपोर्ट के आधार पर लखनऊ के हजरतगंज थाने में 9 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था. केस दर्ज होने के बाद मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल राजीव मिश्र, उनकी पत्नी डॉ पूर्णिमा शुक्ल, एनिसथिसिया विभाग के हेड डॉ सतीश कुमार और डॉं काफ़िल खान समेत सभी आरोपी अंडर ग्राउंड हो गए थे. जिसके बाद योगी सरकार ने इन्हें पकड़ने के लिए स्पेशल टास्क फ़ोर्स यानि एसटीएफ़ को भी लगाया. इस केस में पहली गिरफ्तारी डॉ राजीव और उनकी पत्नी की हुई जिन्हें कानपुर के एक बड़े वकील के घर से गिरफ्तार किया गया. इन दोनों को सरकार गिरफ्तारी के पहले ही निलंबित कर चुकी थी. आरोप है कि डॉ राजीव के प्रिंसिपल रहते मेडिकल कॉलेज में सिर्फ उनकी पत्नी की चली, और वही कमीशन से लेकर ट्रांसफर तक देखती थीं.


मेडिकल कॉलेज में जिस दिन ऑक्सीजन की सप्लाई रुकी उस दिन प्रिंसिपल राजीव छुट्टी पर थे. उनकी जगह डॉ सतीश को प्रिंसिपल इंचार्ज बनाया गया और वो भी छुट्टी पर चले गए थे. डॉ सतीश ने पुलिस के डर से कोर्ट में खुद ही सरेंडर कर दिया. इस मामले में सबसे ज्यादा चर्चा में रहे डॉ काफ़िल खान को एसटीएफ ने गोरखपुर से गिरफ्तार किया. डॉ काफ़िल पर अपनी पत्नी के अस्पताल में प्राइवेट प्रैक्टिस करने का भी आरोप है. यूपी की योगी सरकार इन सभी आरोपियों को जल्द सजा दिलवाने की तैयारी में है.