हिमाचल: अचानक चमगादड़ों की मौत से लोगों में निपाह वायरस का खौफ
केरल में निपाह जैसे जानलेवा वायरस से अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है.
![हिमाचल: अचानक चमगादड़ों की मौत से लोगों में निपाह वायरस का खौफ Nipah Virus: alert issued in himachal after deaths of Bats हिमाचल: अचानक चमगादड़ों की मौत से लोगों में निपाह वायरस का खौफ](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2018/05/24081139/himachal.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
शिमला: हिमाचल प्रदेश के नाहन में सरकारी स्कूल में करीब बीस चमगादड़ों के शव से मिलने से हड़कंप मच गया है. जिसके बाद प्रशासन ने निपाह वायरस को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है. प्रशासन ने चमगादड़ों के शव के सैंपल ले लिए हैं और स्कूली बच्चों को भी निपाह वायरस के बारे में जागरूक किया है. बता दें कि केरल में निपाह जैसे जानलेवा वायरस से अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है.
जांच के लिए भेजे गए मृत चमगादड़ों के सैंपल
ये घटना जिला मुख्यालय नाहन के पास स्थित बर्मा पापड़ी स्कूल परिसर की है. यहां एक पेड़ से करीब बीस चमगादड़ों के शव मिले हैं. प्रशासन ने सूचना मिलते ही टीम मौके पर भेजी और मृत चमगादड़ों के सैंपल लिए, जिन्हें जांच के लिए भेजा जा चुका है. हरकत में आते हुए डीसी के आदेशों के बाद सहायक आयुक्त एसएस राठौर की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन विभाग और वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे.
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अधिकारियों ने निपाह वायरस की आशंकाओं को किया खारिज
मौके पर पहुंची टीम ने स्कूली बच्चों सहित स्थानीय लोगों को भी निपाह वायरस की आशंका को देखते हुए उन्हें इस वायरस के लक्षण और बचाव संबंधी जानकारी दी है. हालांकि अधिकारियों ने निपाह वायरस की आशंकाओं को खारिज कर दिया है.
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वहीं स्कूल की प्रिंसिपल सुपर्णा भारद्वाज ने बताया कि यहां अक्सर इस मौसम में चमगादड़ आते हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब इतनी बड़ी संख्या में इनकी मौत हुई हो. उन्होंने कहा कि निपाह वायरस की आशंका को देखते हुए स्कूल प्रबंधन पूरी तरह से अलर्ट है.
क्या है निपाह वायरस?
निपाह वायरस दरअसल चमगादड़ से फैलता है. चमगादड़ जब फलों में दांत मारते हैं तो वो फल संक्रमित हो जाते हैं. इन संक्रमित फलों को खाने से इंसान चपेट में आ सकते हैं. संक्रमित व्यक्ति के जरिए ये बाकी इंसानों में फैल सकता है. इसी तरह चमगादड़ों के संपर्क में आने से ये सुअरों में फैलता है और फिर सुअरों के नजदीक रहने वाले या सुअरों का मांस खाने वालों में ये निपाह वायरस फैल सकता है. अचानक से तेज बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द, उल्टियां, गर्दन का जकड़ना, रोशनी से दिक्कत होना शामिल है. बीमारी बढ़ने पर इंसान कोमा में जा सकता है.निपह वायरस का पहला मामला कब सामने आया?
साल 1998 में निपह वायरस का पहला मामला मलेशिया में सामने आया था. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक सूअरों के जरिए ये बीमारी सामने आई. भारत में कब सामने आया निपह वायरस का पहला मामला? भारत में इससे जुड़ा पहला मामला साल 2001 में पश्चिम बंगाल में सिल्लीगुड़ी जिले में सामने आया था. वहीं निपह वायरस का दूसरा मामला पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में साल 2007 में सामने आया था. ये दोनों जिले बांग्लादेश के बॉर्डर से करीब हैं.ट्रेंडिंग न्यूज
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