Nipah Virus: केरल पर निपाह वायरस का खतरा, स्कूल बंद, 7 गांव कंटेनमेंट जोन बने, जानें कितनी तैयार है सरकार
Nipah Virus Update: केरल में निपाह वायरस से दो मरीजों की जान चली गई जबकि अन्य दो संक्रमित पाए गए हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं.

Kerala Nipah Virus: केरल में निपाह वायरस ने पैर पसार लिए हैं जिसमें दो लोगों की मौत हो गई. इसके बाद तीन जिलों में अलर्ट जारी किया गया और 7 ग्राम पंचायतों को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है. साथ ही बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए स्कूल भी बंद कर दिए हैं. केरल सरकार ने बुधवार (13 सितंबर) को घोषणा की है.
अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों में कुछ स्कूलों और कार्यालयों को बंद करने के आदेश जारी किए हैं. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, केरल के स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि निपाह वायरस के लिए अब तक 130 से अधिक लोगों का परीक्षण किया जा चुका है. वहीं, पीटीआई के मुताबिक, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) पुणे की टीमें केरल पहुंचने वाली थीं और निपाह के परीक्षण और चमगादड़ों का सर्वेक्षण करने के लिए कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में एक मोबाइल लैब स्थापित करने वाली थीं.
इन ग्राम पंचायतों को बनाया गया कंटेनमेंट जोन
सोशल नेटवर्किंग साइट ‘फेसबुक’ पर मंगलवार (12 सितंबर) को जारी एक पोस्ट में कोझिकोड की जिलाधिकारी ए गीता ने कहा कि जिन पंचायतों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है, उनमें अतानचेरी, मारुथोंकारा, तिरुवल्लूर, कुट्टियाडी, कयाक्कोडी, विल्यापल्ली और कविलुम्परा शामिल हैं. जिलाधिकारी ने कहा कि अगली सूचना तक इन इलाकों के अंदर-बाहर किसी भी तरह की यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी और पुलिस को इन इलाकों की घेराबंदी करने का निर्देश दिया गया है.
दवाई की दुकानें और स्वास्थ्य केंद्र खुले रहेंगे
उन्होंने बताया कि कंटेनमेंट जोन में केवल जरूरी चीजों और चिकित्सा सामग्री की बिक्री करने वाली दुकानों के संचालन की अनुमति होगी. जिलाधिकारी के अनुसार, इन क्षेत्रों में आवश्यक सामान की बिक्री करने वाली दुकानें सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक खोली जा सकेंगी, जबकि दवा की दुकानों और स्वास्थ्य केंद्रों के संचालन के लिए कोई समयसीमा निर्धारित नहीं की गई है.
सीएम ने जनता से की ये अपील
सभी के लिए मास्क पहनना, सामाजिक दूरी का पालन करना और सैनेटाइजर का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा. कोझिकोड जिले में निपाह वायरस के संक्रमण की पुष्टि होने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने लोगों से नहीं घबराने और एहतियात बरतने का आग्रह किया था. उन्होंने कहा था, ‘‘सभी को स्वास्थ्य विभाग और पुलिस के निर्देशों पर सख्ती से अमल करना चाहिए और प्रतिबंधों के पालन में पूरा सहयोग करना चाहिए.’’
स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा?
विधानसभा में निपाह संक्रमण के संबंध में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि राज्य में जिस वारयस की पुष्टि हुई है वह बांग्लादेशी वेरियंट का है, जो मानव से मानव में फैलता है. उन्होंने बताया कि इसकी मृत्यु दर अधिक है लेकिन यह कम संक्रामक है. जॉर्ज ने आगे कहा कि पुणे स्थित एनआईवी के दल के अलावा, महामारी विशेषज्ञों का एक समूह सर्वेक्षण के लिये आज चेन्नई से केरल पहुंचेगा.
इसके अलावा, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने निपाह रोगियों के इलाज के लिए आवश्यक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के इस्तेमाल पर सहमति व्यक्त की है. स्वास्थ्य मंत्री जॉर्ज निपाह वायरस से निपटने के लिए किए गए उपायों के संबंध में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) विधायक पी. बालचंद्रन के एक सवाल का जबाव दे रही थी.
मंगलवार को कोझिकोड में पत्रकारों से बात करते हुए राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा था कि वायरस से संक्रमित मरीजों में 9 साल का लड़का भी शामिल है. उन्होंने बताया था कि पांच नमूनों में से तीन की जांच में संक्रमण की पुष्टि हुई है. जॉर्ज ने कहा था, ‘‘सोमवार को जिस व्यक्ति की मौत हुई, उसके अलावा नौ वर्षीय लड़के सहित इलाज करा रहे दो अन्य लोगों के नमूनों में संक्रमण की पुष्टि हुई है.’’
वायरस से संक्रमित जिस पहले व्यक्ति की 30 अगस्त को मौत हुई थी, शुरू में उसकी मृत्यु का कारण लिवर सिरोसिस माना गया था, लेकिन अब उसके 9 साल के बेटे और 24 वर्षीय रिश्तेदार में मंगलवार को हुई जांच में निपाह वायरस के संक्रमण की पष्टि हुई है. व्यक्ति का बेटा पहले से ही आईसीयू में है.
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिटकल केयर मेडिसिन एस्टर के निदेशक डॉ. एएस अनूप कुमार और उनकी टीम तब सतर्क हो गई जब 9-10 सितंबर को एस्टर एमआईएमएस अस्पताल में एक परिवार के वयस्क और तीन बच्चों में इसके लक्षण पता चले. इन्होंने साल 2018 में केरल में एक निजी अस्पताल में भर्ती मरीजों के अंदर अजीब से लक्षण देखे थे जिसके बाद केरल में निपाह वायरस के प्रकोप की पहचान हुई थी. इन्होंने निपाह वायरस प्रकोप की पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
पीटीआई और रॉयटर्स के इनपुट के साथ
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