नई दिल्ली: निपाह वायरस के कारण उत्तरी केरल के कोझिकोड और मलप्पुरम जिलों में अब तक दस लोगों की मौत हो गई है. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि दो अन्य लोगों के वायरस की चपेट में आने का संदेह है. उनकी मौत हो गई है. हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकी है कि क्या उनकी मौत निपाह के कारण हुई.
सूत्रों ने बताया कि मूसा की हालत बेहद गंभीर है और वह वेंटिलेटर पर है जबकि अन्य व्यक्ति का निपाह के लिए इलाज चल रहा है. मूसा के दो बेटों की पहले मौत हो चुकी है. परिवार की एक अन्य महिला की भी वायरस के कारण मौत हो चुकी है.
116 लोगों को रखा गया अलग- थलग
सूत्रों ने बताया कि कुछ संक्रमित लोगों के संपर्क में आए कुल 116 लोगों को अलग-थलग रखा गया है. इनमें से 94 लोगों को उनके घरों में तथा 22 को विभिन्न अस्पतालों में रखा गया है. मल्ल्पुरम के 21 वर्षीय छात्र को तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वह हाल ही में कोझिकोड में अपने गृहनगर गया था.
केरल की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने इससे पहले दिन में संवाददाताओं को बताया कि निपाह वायरस के कारण 10 लोगों की मौत हो चुकी है. उन्होंने आज यहां संवाददाताओं को बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को केरल में वायरस फैलने के बारे में सूचित किया गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने कहा कि केंद्र इस समस्या से निपटने के लिए राज्य को हरसंभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है. दो व्यक्तियों की आज सुबह मृत्यु हो गई. उनके वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. मंत्री ने बताया कि नर्सिंग सहायक 28 वर्षीय लिनी की भी इस वायरस के संपर्क में आने के कारण कल मौत हो गई.
मुख्यमंत्री पि विजयन का बयान
इस बीच, केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने कहा कि राज्य सरकार निपाह वायरस से निपटने के लिए सभी कदम उठा रही है.उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट पर कहा, ‘‘एहतियात बरता जाए और सतर्क रहने की जरुरत है. हड़बड़ाने की जरुरत नहीं है.’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि वायरस के संबंध में सोशल मीडिया पर एक अभियान चलाया गया है जिससे खलबली पैदा हो रही है. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है और उन्होंने हर किसी से ऐसे अभियानों से दूर रहने का अनुरोध किया. इससे ना केवल हड़बड़ाहट पैदा होगी बल्कि यह केरल के हितों के भी खिलाफ है.
वायरस संक्रमण के परीक्षण के लिए 18 नमूने भेजे गए थे जिनमें से 12 में संक्रमण की पुष्टि हुई. इनमें से दस लोगों की मौत हो गई. शैलजा ने कहा कि अभी जिनेवा में मौजूद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने उन्हें फोन किया और राज्य में हालात के बारे में पूछा तथा केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया.
नेशनल सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल का एक विशेषज्ञ दल पहले ही केरल में है. मंत्री ने बताया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली का एक उच्च स्तरीय दल आज कोझीकोड मेडिकल कॉलेज आया और उसने डॉक्टरों को दिए प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए कहा. उन्होंने बताया कि सभी जिलों में निगरानी बढ़ा दी गई है.