नई दिल्ली: केरल के कोझीकोड जिले में निपह वायरस से तीन लोगों की मौत हो गई है. वायरस से हुई मौत के मामले की जांच के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से गठित डॉक्टर्स की एक एक उच्च स्तरीय टीम को कोझीकोड भेजा गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के निदेशक के नेतृत्व में एक मल्टी डिसिप्लीनरी टीम का गठन किया है.


संदेह है कि चमगादड़ से विषाणु का प्रसार हो रहा है: अधिकारी


स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्टर्स की एक उच्च स्तरीय टीम के गठन का निर्देश दिया है और चुनी हुई टीम केरल पहुंच गई है. इस बात का संदेह है कि चमगादड़ से विषाणु का प्रसार हो रहा है.’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘टीम में पशुपालन, राष्ट्रीय प्रतिरक्षा विज्ञान संस्थान और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद समेत दूसरे संस्थानों के अधिकारी शामिल हैं. मंत्रालय हालात की निगरानी के लिए केरल के स्वास्थ्य विभाग के साथ करीबी संपर्क में है.’’


विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, निपह वायरस से मनुष्य में कई बिना लक्षण वाले संक्रमण से लेकर एक्यूट रेस्पीरेटरी सिंड्रोम और प्राणघातक इन्सैफेलाइटिस तक हो सकता है. कोझीकोड स्वास्थ्य विभाग तीन व्यक्तियों की मौत के मद्देनजर हालात पर निगरानी रख रहा है. मृतकों के संपर्क में आए दो और लोगों की हालत गंभीर मानी जा रही है.


सुअरों और दूसरे घरेलू जानवरों में भी बीमारी हो सकती है: डब्ल्यूएचओ


डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट के अनुसार एनआईवी (निपह वायरस) से सुअरों और दूसरे घरेलू जानवरों में भी बीमारी हो सकती है. अभी न तो मनुष्य और न ही पशुओं के उपचार के लिए इसका टीका विकसित हुआ है. मनुष्य के मामलों में इसका प्राथमिक उपचार इंटेंसिव सपोर्टिव केयर (सघन सहायक देखभाल) के जरिए किया जा सकता है.