कोझिकोड/तिरुवनंतपुरम: केरल के कोझिकोड़ और मलप्पुरम जिलों में निपाह वायरस ने अब तक दस लोगों की जान ले ली है. इस वायरस के संपर्क में आने से 28 साल की लिनी नाम की एक नर्स की भी मौत हो गई. नर्स की मौत के बाद केरल सरकार ने उनके बच्चे को 10 लाख रुपये मुआवजा देने और पति को सरकारी नौकरी देने का प्रस्ताव दिया. वहीं निपाह वायरस के शिकार बने अन्य लोगों के परिजनों को केरल सरकार पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देगी.


नर्स का भावुक पत्र


मौत से ठीक पहले लिनी ने एक खत लिखा था जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. अपने पति साजीश के लिए लिखे खत में लिनी ने कहा है, ‘‘मैं जा रही हूं. मुझे नहीं लगता कि मैं आपसे मिल पाऊंगी.’’


चिट्ठी में लिनी ने अपने पति से कहा है कि वह बच्चों का ध्यान रखें और उन्हें अपने साथ खाड़ी देश ले जाएं. लिनी के पति बहरीन में काम करते हैं. उसके दो बेटे हैं जिनकी उम्र पांच साल और दो साल है. लिनी के स्वास्थ्य के बारे में पता चलने पर सजीश दो दिन पहले ही घर आए थे.


दरअसल लिनी, मरीजों का इलाज करने के दौरान इस वायरस के संपर्क में आई थीं. वायरस फैलने के अंदेशे की वजह से लिनी के परिजन उनके शव को देख भी नहीं सके. उनका अंतिम संस्कार प्राधिकार की ओर से ही किया गया.


केरल की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को केरल में वायरस फैलने के बारे में सूचित किया गया है. राजन और अशोकन नाम के दो व्यक्तियों का कोझिकोड़ में उपचार चल रहा था. उनकी आज सुबह मौत हो गई. उनके वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. नर्सिंग सहायक 28 वर्षीय लिनी की भी इस वायरस के संपर्क में आने की वजह से कल मौत हो गई.


वायरस संक्रमण के परीक्षण के लिए 18 नमूने भेजे गए थे जिनमें से 12 में संक्रमण की पुष्टि हुई. इनमें से दस लोगों की मौत हो गई. मलप्पुरम में 20 मई को सिंधु और सिजिता की मृत्यु हुई थी. उनके भी निपाह वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.