इस राज्य में निपाह वायरस ने ली 14 साल के बच्चे की जान, मचा हड़कंप तो स्वास्थ्य मंत्रालय ने बता दिए ये 4 उपाय
Nipah Virus: केरल में निपाह वायरस की चपेट में आए मलप्पुरम के 14 साल के बच्चे की मौत हो गई. उसका एक अस्पताल में इलाज चल रहा था और रविवार को हार्ट अटैक आने के बाद उसकी मौत हो गई.
Kerala Nipah Virus: केरल में निपाह वायरस ने अपना पैर पसारना शुरू कर दिए हैं. निपाह वायरस से ही संक्रमित मल्लपुरम जिले में एक 14 साल की बच्चे की मौत हो गई है. वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद लड़के का इलाज चल रहा था लेकिन उसके शरीर में संक्रमण बढ़ने की वजह से आज सुबह (21 जुलाई रविवार) को हार्ट अटैक आने से मौत हो गई.
बच्चे की मौत के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से भी बताया गया कि केरल के मल्लपुरम जिले में निपाह वायरस के एक मरीज की मौत हो गई, जिसे जांच के लिए पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान (NIV) को भेजा गया था. फिलहाल केंद्र सरकार ने दिल्ली से एक टीम भेजी है जो इस वायरस को लेकर केरल में आगे की जांच के लिए तैनात की जाएगी.
कुछ साल पहले भी देखा गया था निपाह वायरस का प्रकोप
इस महामारी के मद्देनजर निपाह वायरस के बारे में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि कुछ साल पहले केरल में निपाह वायरस का प्रकोप देखा गया था और केरल ने तुरंत कार्रवाई की थी. इसलिए, मुझे उम्मीद है कि सरकार और अधिकारी, खासकर मेडिकल कर्मी हालात को नियंत्रण में ले लाएंगे.
A Nipah virus patient in Mallapuram district of Kerala, confirmed by NIV, Pune succumbs to the disease. A joint outbreak response Central team will be deployed to assist the State with case investigation, identification of epidemiological linkages, and technical support: Union… pic.twitter.com/l7Vtrk27PQ
— ANI (@ANI) July 21, 2024
केंद्र ने राज्य सरकार को एहतियाहत बरतने की दी सलाह
1- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वायरस की पुष्टि किए गए मामले के परिवार, पड़ोस और आसपास रहने वाले इलाकों में एक्टिव केसों की जांच की जाए.
2- इसके साथ ही पिछले 12 दिनों के दौरान कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग मामले के संपर्कों का सख्ती से अलग करना शामिल है.
3-केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय ‘एक स्वास्थ्य मिशन’ से एक बहु-सदस्यीय संयुक्त प्रकोप प्रतिक्रिया टीम को मामले की जांच करने, महामारी विज्ञान संबंधों की पहचान करने और तकनीकी सहायता प्रदान करने में राज्य का समर्थन करने के लिए तैनात किया जाएगा.
4- इसके अलावा राज्य के अनुरोध पर, आईसीएमआर ने रोगी प्रबंधन के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी भेजी थी, और संपर्कों से अतिरिक्त नमूनों की जांच के लिए एक मोबाइल बीएसएल-3 प्रयोगशाला कोझीकोड में आ गई है. हालांकि, मोनोक्लोनल एंटीबॉडी मरीज की मौत से पहले पहुंच गई थी, लेकिन उसकी खराब स्थिति के कारण इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सका.
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