निपाह वायरस: ब्रेन में पहुंचा तो कोमा में जा सकता है मरीज, पढ़ें लक्षण और सावधानियां
फिलहाल इसके टेस्ट की सुविधा नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (पुणे) और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (दिल्ली) में है. केवल लक्षण के आधार पर इलाज हो रहा है.
नई दिल्ली: केरल में निपाह वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. केरल से सटे कन्याकुमारी और नीलगिरी में भी अलर्ट जारी किया गया है. उत्तरी केरल के कोझिकोड़ और मलप्पुरम जिलों में अब तक दस लोगों की मौत हो गई है. केंद्र सरकार डॉक्टर्स की टीम भेज चुकी है. सभी जगहों पर बुखार पीड़ितो पर नजर रखी जा रही है. इसकी चपेट में बाकी के इलाके न आ जाएं इसको लेकर केंद्र और राज्य सरकार दोनों सजग हैं. ये जानना बेहद जरूरी है कि इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए और इस बीमारी के लक्षण क्या हैं? Nipah Virus के बारे में ये बातें जान लेंगे तो समय रहते बच सकते हैं आप
सावधानियां और लक्षण
- बुखार, सिरदर्द, धुंधला दिखाई देना, सांस लेने में तकलीफ और तेज दिमागी बुखार निपाह वायरस के लक्षण हैं. ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
- साफ सफाई का ध्यान रखें. खांसी या झींक आने पर मुंह पर रुमाल रखें.
- हाथ साफ रखें.
- भीड़ में न जाएं.
- कटे हुए फल न खाएं.
- बिना पका हुआ मीट न खाएं.
- डॉक्टर्स अपना खयाल रखें और मास्क लगाए.
- बुखार होने पर तुंरत दवा न लें.
- एयरपोर्ट्स पर खास ध्यान रखें और इन्फेक्टेड व्यक्ति की सूचना ड्यूटी रूम में दें.
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फिलहाल इसके टेस्ट की सुविधा नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (पुणे) और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (दिल्ली) में है. केवल लक्षण के आधार पर इलाज हो रहा है. यानि कोई विशेष दवा नहीं है. इस वायरस के ब्रेन में पुहंचने पर मरीज कोमा में जा सकता है. इसलिए सावधानी बरतना बहुत जरूरी है.
निपाह वायरस का संक्रमण संक्रमित चमगादड़, संक्रमित सूअर, या अन्य एनआईवी संक्रमित लोगों से सीधे संपर्क के बाद हो सकता है. मलेशिया और सिंगापुर में संक्रमित सुअरों के संपर्क में आने से लोगों में निपाह वायरस फैला. यह वायरस शुरुआत में चमगादड़ों से सुअरों में फैला. वहीं भारत और बांग्लादेश में इस वायरस के व्यक्ति से व्यक्ति में संक्रमित होने की रिपोर्ट है. आमतौर पर यह वायरस संक्रमित मरीजों के परिवार और देखभाल करने वालों में देखा जाता है. संक्रमित चमगादड़ के सीधे संपर्क में आने से भी ये वायरस फैलता है.