कोच्चि: केरल सरकार ने बुधवार को कहा कि निपाह वायरस की चपेट में आने वाले कॉलेज छात्र की हालत स्थिर है जबकि निगरानी में रखे गए छह अन्य को एक स्थानीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में निगरानी में रखा गया है. अधिकारी संभावित रूप से खतरनाक इस विषाणु के स्रोत का पता लगाने के लिए संघर्षरत हैं जिससे एक वर्ष पहले उत्तर केरल के दो जिलों में 17 लोगों की मौत हो गई थी.
बुधवार शाम में जारी एक सरकारी बुलेटिन में कहा गया कि विभिन्न जिलों से कुल 314 व्यक्ति निगरानी में हैं. बुलेटिन के अनुसार विभिन्न जिलों के कुल 314 व्यक्तियों में से छह व्यक्तियों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एकांत वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया है.
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री का बयान
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने कहा, ''छात्र की हालत स्थिर है. यह बिगड़ी नहीं है.'' इससे एक दिन पहले ही पुष्टि हुई थी कि 23 वर्षीय छात्र निपाह विषाणु से संक्रमित है.
निजी अस्पताल जहां छात्र का इलाज किया जा रहा है उसके एक अधिकारी ने कहा कि उसकी हालत स्थिर है. अधिकारी ने कहा, ''वह होश में है. वह भोजन ले रहा है.''
'निपाह के लिए जरूरी दवा मौजूद है'
एक मेडिकल बुलेटिन में कहा गया कि बीमारी के इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में रेबाविरीन दवा मौजूद है. इलाज के लिए जरूरी अन्य उपकरण भी मुहैया कराये गए हैं. इसमें कहा गया है, ''राज्य में निपाह विषाणु के चलते उत्पन्न होने वाली स्थिति नियंत्रण में है.''
बुलेटिन में कहा गया है कि उन छह व्यक्तियों से एकत्रित नमूने को पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वाइरोलॉजी और अलापुझा स्थित एक सरकारी प्रयोगशाला भेजा गया है जिनका इलाज कलामासेरी मेडिकल कालेज अस्पताल में किया जा रहा है.
इससे पहले दिन में स्वास्थ्य मंत्री शैलजा ने कहा, ''उनकी सेहत की प्रारंभिक जांच दिखाती है कि वे गंभीर स्थिति में नहीं हैं. उनका स्वास्थ्य कल से बेहतर है. वे लगातार चिकित्सकों की निगरानी में हैं. हमारा मानना है कि उनके रक्त नमूनों की जांच के परिणाम निगेटिव आएंगे. लेकिन अंतिम परिणाम आने तक हमें इंतजार करना चाहिए.''
निपाह पर राज्य सरकार बनाए हुए नजर
शैलजा चिकित्सीय विशेषज्ञों एवं शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. छठे व्यक्ति को बुधवार को एकांत वार्ड में ट्रांसफर कर दिया गया. उन्होंने कहा कि निपाह का इलाज तभी शुरू किया जाएगा जब उनकी रक्त जांच से पुष्टि होती है कि वे इस विषाणु के संक्रमण की चपेट में हैं.
उन्होंने कहा, ''हमें विषाणु के रोगोद्भवन काल (इन्क्यूबेशन पीरियड) पूरा होने तक बहुत सतर्क रहना चाहिए.'' उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में उनका इलाज बुखार और गले में खराश के लिए किया जा रहा है. मंगलवार को सरकार ने 311 व्यक्तियों की एक सूची तैयार की जो छात्र के साथ सम्पर्क में आए थे. इन सभी को चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है.
निपाह पर मुख्यमंत्री करेंगे बैठक
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन बृहस्पतिवार को जिला मुख्यालय में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे. उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने इस खतरनाक विषाणु के स्रोत का पता लगाने के लिए प्रयास शुरू कर दिये हैं.
इस बीच एर्णाकुलम जिला प्रशासन ने कहा कि जिले में स्कूल दो महीने की छुट्टी के बाद बृहस्पतिवार को खुलेंगे. जिला कलेक्टर मोहम्मद वाई सफीरुल्ला ने यहां एक बयान में कहा कि बीमारी को फैलने से रोकने के लिए एहतियाती उपाय किये गए हैं.
इस बीच केरल पुलिस ने चेतावनी दी कि सोशल मीडिया के जरिये झूठी सूचना फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोच्चि पुलिस ने तीन व्यक्तियों के खिलाफ कथित रूप से झूठी खबर सोशल मीडिया के जरिये फैलाने के लिए मामले दर्ज किये हैं. केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने मंगलवार को चर्चा के लिए शैलजा से बात की थी और उन्होंने केंद्र की ओर से राज्य को सभी सहयोग का भरोसा दिया था.
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