हीरानंदानी ग्रुप की बढ़ी मुश्किलें! निरंजन हीरानंदानी और उनके बेटे दर्शन को ईडी ने किया तलब
Niranjan Hiranandani: फेमा प्रावधानों के तहत हीरानंदानी समूह से जुड़े चार परिसरों की तलाशी के बाद ईडी ने निरंजन हीरानंदानी और उनके बेटे दर्शन को समन भेजा है.
ED Summoned To Niranjan Hiranandani: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार (26 फरवरी) को फॉरेन एक्सचेंज वॉयलेशन मामले में पूछताछ के लिए मुंबई स्थित रियल एस्टेट डेवलपर हीरानंदानी ग्रुप के प्रमोटर निरंजन हीरानंदानी और उनके बेटे दर्शन हीरानंदानी को तलब किया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाला से बताया कि पिता-पुत्र से मुंबई में केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है.
ईडी ने यह समन ऐसे समय में जारी किया है, जब जांच एजेंसी ने बीते गुरुवार को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) प्रावधानों के तहत हीरानंदानी समूह और समूह की संस्थाओं से जुड़े चार परिसरों की तलाशी ली.
हीरानंदियों के खिलाफ क्या है मामला?
ईडी अधिकारी समूह की कुछ संस्थाओं के खिलाफ पनवेल और चेन्नई में दो आवास परियोजनाओं के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के माध्यम से 400 करोड़ रुपये से अधिक की कथित धनराशि प्राप्त करने की जांच कर रहे हैं.
कथित तौर पर एफडीआई प्राप्त करने वाली समूह संस्थाओं में से एक ने बैंकों से लिया गया कर्ज नहीं चुकाया और उसे नॉन- प्रोफिट एसेट घोषित कर दिया गया. बाद में ऋण वसूली न्यायाधिकरण की कार्यवाही के चलते इस परियोजना को हीरानंदानी समूह की एक अन्य यूनिट ने अपने कब्जे में ले लिया.
ट्रस्ट ने स्थापित की 25 कंपनियां
इसके अलावा जांच एजेंसी कथित तौर पर हीरानंदानी समूह के प्रमोटरों से जुड़े ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स (BVI) स्थित ट्रस्ट के लाभार्थियों पर लगे आरोपों की भी जांच कर रही है. कथित तौर पर हीरानंदानी ने 2006 और 2008 के बीच ट्र्स्ट ने कथित तौर पर कम से कम 25 कंपनियां और एक ट्रस्ट स्थापित किया था.
महुआ मोइत्रा के मामले से अलग है जांच
इस बीच, ईडी ने स्पष्ट किया है कि यह जांच टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा के खिलाफ की जा रही एक अन्य फेमा जांच से जुड़ी नहीं है, जिन्हें पिछले साल दिसंबर में लोकसभा सांसद के रूप में निष्कासित कर दिया गया था.
जांच में सहयोग का आश्वासन
जांच एजेंसी की तलाशी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हीरानंदानी समूह ने जांच में सहयोग करने का आश्वासन दिया. ग्रुप ने कहा, "हमने विभाग की ओर से मांगी गई सभी जानकारी देकर जांच में पूरा सहयोग दिया है. चूंकि जांच 15 साल पुराने घटनाक्रम से संबंधित है, इसलिए पुराने रिकॉर्ड खंगालने में समय लगा. समूह का मानना है कि ईडी इस बात से संतुष्ट है कि फेमा का कोई उल्लंघन नहीं हुआ."