Cruise Missiles: इंडियन आर्म्ड फोर्स यानी भारत की तीनों सेनाओं के पास निर्भय क्रूज मिसाइल को जल्द ही शामिल किया जाएगा. इस क्रूज मिसाइल की मारक क्षमता 1 हजार किलोमीटर से अधिक बताई जा रही है. इसको लेकर रक्षा मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार निर्भय कैटगरी की क्रूज मिसाइलों को शामिल करने पर विचार कर रही है. प्रस्ताव अभी आखिरी चरण में है और इसकी मंजूरी मिलने का इंतजार है.


इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि प्रलय मिसाइलों का भी बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाएगा और निकट भविष्य में इसे भी शामिल करने की उम्मीद है. इससे भारतीय सेना की सूची में लंबी दूरी और मध्यवर्ती दूरी की मिसाइलों का एक व्यापक पैकेज तैयार हो जाएगा. प्रलय मिसाइलों के उत्पादन पर बोलते हुए एक शीर्ष रक्षा अधिकारी ने कहा कि इसका उत्पादन भी बड़े पैमाने पर किया जाएगा और आने वाले समय में परिचालन सेवा के लिए तैयार होने की उम्मीद है.


प्रलय का हो चुका है दो बार परीक्षण


उन्होंने कहा कि प्रलय मिसाइल का दिसंबर 2022 में लगातार दो दिनों में दो बार सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था और सेनाएं तब से इसके अधिग्रहण और शामिल करने की दिशा में काम कर रही हैं. रक्षा अधिकारी ने बताया, "प्रलय एक अर्ध-बैलिस्टिक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है. उन्नत मिसाइल को इंटरसेप्टर मिसाइलों को हराने में सक्षम बनाने के लिए विकसित किया गया है. इसमें हवा में एक निश्चित दूरी तय करने के बाद अपना रास्ता बदलने की क्षमता है."


बता दें कि निर्भय कैटगरी की लंबी दूरी वाली क्रूज मिसाइलों को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से स्वदेशी रूप से तैयार किया जा रहा है. सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों के साथ सबसोनिक निर्भय क्लास की क्रूज मिसाइलें सेनाओं के पास होना एक डेडली कॉम्बिनेशन होगा. ये मिसाइलें उस रॉकेट फोर्स का भी हिस्सा होंगी जिसे इंडियन डिफेंस फोर्स में धीरे-धीरे शामिल किया जा रहा है.


निर्भय क्रूज मिसाइल की खासियत 


निर्भय क्रूज मिसाइल की ताकत और इसकी खासियतों की बात की जाए तो ये सभी मौसम में काम करने वाली, कम लागत वाली, परमाणु हथियार ले जाने वाली और लंबी दूरी पर दुश्मनों को भेदने वाली क्रूज मिसाइल है. मिसाइल की लंबाई 6 मीटर और इसका वजन 1500 किलो है. निर्भय में कई टारगेटों के बीच अटैक करने की क्षमता है. अगर दुश्मन रडार का पता लगा लेता है तो इससे बचते हुए ये नीची ऊंचाई से भी उड़ान भर सकती है.


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