नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप के आरोपियों की फांसी पर आज आखिरी मुहर लग गई है. सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी विनय और मुकेश की तरफ से दायर क्यूरेटिव याचिका खारिज कर दी है. सभी आरोपियों को 22 जनवरी सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जाएगी. दोषी फांसी पर रोक चाहते थे. जस्टिस एनवी रमनाअरुण मिश्रारोहिंटन नरीमनआर भानुमति और अशोक भूषण की बेंच ने बंद कमरे में अर्ज़ियों पर विचार किया था.


किस आधार पर दाखिल की गई थी क्यूरेटिव याचिका?


दोषियों की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि याचिकाकर्ता की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितयों, उसके बीमार माता-पिता सहित परिवार के आश्रितों और जेल में उसके अच्छे आचरण और उसमें सुधार की संभावना के बिन्दुओं पर पर्याप्त विचार नहीं किया गया है और जिसकी वजह से उसके साथ न्याय नहीं हुआ है. उसे और अन्य को सजा देने के बारे में न्यायालय ने अपने फैसले में ‘समाज के सामूहिक अंत:करण’ और ‘जनता की राय’ को आधार बनाया है.


याचिका में इस फैसले को कानून की नजर में गलत बताते हुये कहा गया था कि शीर्ष अदालत ने अपने बाद के फैसलों में निश्चित ही कानून में बदलाव करके उसके जैसी स्थिति के अनेक दोषियों की मौत की सजा को उम्र कैद में तब्दील किया है.


16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में निर्भया के साथ गैंगरेप और उसकी हत्या के चारों दोषियों की फांसी के लिए पटियाला हाउस कोर्ट ने 22 जनवरी की तारीख तय की थी.


क्या हुआ था दिसंबर 2012 में?
बता दें कि दिसंबर 2012 में निर्भया के साथ 6 लोगों ने बस में गैंगरेप किया था. इसके बाद इलाज के दौरान निर्भया ने दम तोड़ दिया था. 6 में एक आरोपी नाबालिग था वहीं एक आरोपी राम सिंह ने जेल में खुद को फांसी लगा ली थी. इसके बाद बाकि चार आरोपियों का भी फांसी की सजा सुनाई गई थी. तमाम का प्रक्रियाओं के बाद 22 जनवरी को अब इस सभी को फांसी दी जाने वाली है.


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