नई दिल्लीः निर्भया गैंगरेप केस में चारों दोषियों अक्षय, विनय, पवन और मुकेश को फांसी की सजा से पहले अंगदान को लेकर चर्चा सामने आई है. निर्भया के चारों दोषियों के गुप्त अंगदान कराने के लिए एक संस्था ने तिहाड़ जेल प्रशासन को पत्र लिखा है. इस पत्र में कहा गया है कि संस्था के कुछ सदस्यों को सभी चार दोषियों पवन मुकेश अक्षय विनय से मिलने की इजाजत मांगी है.


पत्र में लिखा गया है कि निर्भया कांड के दोषियों के लिए ये अंतिम मौका होगा जब वो फांसी के तख्ते पर चढ़ने से पहले मानवता के लिए अंगदान करें. यह अंगदान पूरी तरह से गुप्त होगा. अंगदान का मकसद है कि किसी जरूरतमंद को दिया जा सके.


तिहाड़ जेल प्रशासन को भेजे गए पत्र में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि ऋषि दधीचि की परंपरा का पालन करते हुए एक प्रतिनिधि मंडल जेल में निर्भया के दोषियों से मिलकर उन्हें देहदान या अंगदान के लिए प्रेरित करना चाहता है.


लिखे गए पत्र के मुताबिक इस प्रतिनिधि मंडल में एक डॉक्टर, एक धर्म गुरु, एक मनोचिकित्सक, एक वकील और देहदान या अंगदान कराने वाली संस्था का प्रतिनिधि शामिल होगा.


पत्र मिलने के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन ने बताया है कि जेल मैन्युल के हिसाब से जेल में बंद कैदी के अधिकार पर यह तय होगा कि वह किसी संस्था से मिलना चाहता है या नहीं.


निर्भया केस में चार दोषियों में से एक दोषी विनय शर्मा की दया याचिका को लेकर तिहाड़ जेल प्रशासन ने राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट भेज दी है. राष्ट्रपति इस मामले में कानूनी सलाह ले रहे हैं. कानूनी सलाह के बाद राष्ट्रपति इस मामले में अपना फैसला देंगे. माना जा रहा है कि राष्ट्रपति दया याचिका को खारिज भी कर सकते हैं.

इस मामले में विनय ने पहले राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दाखिल की थी और उसके बाद उसने अपनी दूसरी याचिका अधिकारियों को दी थी जिसमें कहा गया था कि वह अपनी पहली याचिका विड्रॉ करना चाहता है. वहीं उसके वकील ने भी कहा था कि विनय शर्मा ने कोई दया याचिका राष्ट्रपति के सामने नहीं लगाई है.

CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर मायावती ने जताई चिंता, उच्च स्तरीय जांच की मांग


Jamia की Library में पहुंचा ABP News, यहां देखिए पूरी सच्चाई