नई दिल्ली: चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने खुद को निर्भया मामले में एक दोषी की याचिका पर सुनवाई से अलग कर लिया है. आरोपी अक्षय की याचिका पर मंगलवार को सीजेआई शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली की तीन न्यायाधीशों जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस आर. भानुमति की पीठ ने मामले की सुनवाई की. इसी दौरान सीजेआई ने खुद को मामले से अलग कर लिया.


अब इस मामले में आरोपी अक्षय की याचिका पर सुनवाई के लिए बुधवार को नई बेंच गठित होगी.  तीन जजों की नई बेंच बुधवार सुबह साढ़े दस बजे इस पर सुनवाई करेगी. माना जा रहा है कि दो जज तो यही रहेंगे, जबकि सीजेआई की जगह कोई अन्य जज आएंगे.


बताया जा रहा है कि मंगलवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस अशोक भूषण ने पुराने कोर्ट ऑर्डर शीट की ओर ध्यान दिलाया, जिसमें पीड़िता की ओर से बतौर वकील सीजेआई के भतीजे अर्जुन बोबडे अदालत में पेश हुए थे. ऐसे में सीजेआई ने खुद को इस मामले में अलग कर लिया.


बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 की रात को दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा के साथ छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया और उस पर नृशंस हमला किया था. उसे चलती बस से बाहर फेंक दिया था. उसकी 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में मृत्यु हो गई थी. मामले के एक आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से खुदकुशी कर ली. जबकि पिछले साल नौ जुलाई को शीर्ष अदालत ने तीन अन्य दोषियों- 30 वर्षीय मुकेश, 23 वर्षीय पवन गुप्ता और 24 वर्षीय विनय शर्मा की पुनर्विचार याचिकाएं यह कहते हुए खारिज कर दी थीं कि 2017 के फैसले की समीक्षा के लिए कोई आधार नहीं बनाया गया है.


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