नई दिल्ली: शुक्रवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के दोषियों के लिए नया डेथ वारंट जारी किया. अब निर्भया के चारों दोषियों पवन गुप्ता, विनय शर्मा, मुकेश और अक्षय सिंह को 1 फरवरी को फांसी दी जाएगी. अब इसी बीच एक गुनहगार पवन कुमार गुप्ता सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.


फांसी से बचने की निर्भया के गुनाहगार पवन ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर घटना के वक्त यानी 16 दिसंबर 2012 को नाबालिग होने दावा किया है. बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट उसकी इस याचिका को पहले ही ठुकरा चुका है. अब एक बार फिर पवन कुमार गुप्ता ने एडवोकेट ए. पी. सिंह के जरिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी अपील में खुद के नाबालिग होने की दलील दी है.


बता दें कि शुक्रवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के दोषियों विनय शर्मा (26), मुकेश कुमार (32), अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन कुमार गुप्ता को एक फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाने का समय तय किया है. इससे पहले 7 जनवरी 2020 को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों की डेथ वारंट जारी की. 22 जनवरी 2020 को सुबह सात बजे चारों दोषियों को फांसी देने का आदेश सुनाया था. दोषियों को बाकी बचे विकल्पों के इस्तेमाल के लिए कोर्ट ने 14 दिनों का वक्त दिया था.


साल 2012 की है घटना


16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में निर्भया के साथ 6 लोगों ने चलती बस में गैंगरेप किया. उसके बाद उसे और उसके दोस्त को मरा समझकर फेंक दिया. बाद में पुलिस उसे अस्पताल लेकर पहुंची. हालत बिगड़ने के बाद उसे इलाज के लिए सिंगापुर भेजा गया. 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के अस्पताल में निर्भया की इलाज के दौरान मौत हो गई. 13 सितंबर 2013 को निचली अदालत ने चारों दोषियों पवन गुप्त, विनय शर्मा, मुकेश और अक्षय सिंह को मौत की सजा सुनाई थी.


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