निर्भया केस: कल दोषियों को नहीं होगी फांसी, कोर्ट ने अगले आदेश तक लगाई रोक
कल 1 फरवरी को सुबह छह बजे फांसी होनी थीइससे पहले 22 जनवरी को होनी थी फांसीअब कोर्ट ने अगले आदेश तक फांसी पर रोक लगाई
नई दिल्ली: निर्भया केस में कल दोषियों को फांसी नहीं होगी. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने कल की फांसी पर रोक लगा दिया है. ये दूसरी बार हुआ है जब निर्भया के दोषियों की फांसी को टाला गया है. अगले आदेश तक दोषियों की फांसी को टाल दिया गया है. कल 1 फरवरी को सुबह छह बजे फांसी होनी थी. इससे पहले कोर्ट के डेथ वारंट के मुताबिक 22 जनवरी को निर्भया के चारों दोषियों के लिए फांसी की तारीख तय की गई थी.
भावुक हुईं निर्भया की मां आशा देवी
कोर्ट के इस फैसले पर निर्भया की मां आशा देवी भावुक हो गईं. उन्होंने कहा कि जो दोषी चाहते थे वही हुआ. आशा देवी ने कहा, ''दोषियों के वकील एपी सिंह ने मुझे चैलेंज करते हुए कहा कि दोषियों को कभी फांसी नहीं होगी. मैं अपनी लड़ाई जारी रखूंगी. सरकार को दोषियों को फांसी देनी होगी.''
दूसरी बार टली फांसी
बता दें कि 17 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट ने नया डेथ वारंड जारी किया था. इसके तहत निर्भया के चारों दोषियों पवन गुप्त, विनय शर्मा, मुकेश और अक्षय सिंह को 1 फरवरी की सुबह छह बजे फांसी होनी थी. इससे पहले 7 जनवरी को कोर्ट ने चारों दोषियों को 22 जनवरी को फांसी देने का आदेश दिया था.
विनय की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित
अब तक केवल मुकेश ने दया याचिका समेत सभी कानूनी उपायों का इस्तेमाल कर लिया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 17 जनवरी को उसकी दया याचिका खारिज कर दी थी और इसके खिलाफ अपील को सुप्रीम कोर्ट ने 29 जनवरी को खारिज कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने 30 जनवरी को दोषी अक्षय की क्यूरेटिव खारिज कर दी थी. वहीं विनय ने 29 जनवरी को राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की जो अभी लंबित है.
साल 2012 की है घटना
16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में निर्भया के साथ 6 लोगों ने चलती बस में गैंगरेप किया. उसके बाद उसे और उसके दोस्त को मरा समझकर फेंक दिया. बाद में पुलिस उसे अस्पताल लेकर पहुंची. हालत बिगड़ने के बाद उसे इलाज के लिए सिंगापुर भेजा गया. 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के अस्पताल में निर्भया की इलाज के दौरान मौत हो गई. 13 सितंबर 2013 को निचली अदालत ने चारों दोषियों पवन गुप्त, विनय शर्मा, मुकेश और अक्षय सिंह को मौत की सजा सुनाई थी.