Nirbhaya Case:  निर्भया गैंगरेप केस में दोषियों को कल सुबह छह बजे फांसी होगी या नहीं इसपर सस्पेंस बरकरार है. चार में से एक दोषी पवन कुमार गुप्ता ने आज राष्ट्रपति के सामने दया याचिका लगाई है. राष्ट्रपति फ़िलहाल छत्तीसगढ़ के दौरे से वापस नहीं लौटे हैं. वापस लौटने पर दया याचिका को लेकर कोई फ़ैसला करेंगे. इस बीच तिहाड़ जेल में पवन जल्लाद ने निर्भया मामले में दोषियों को फांसी देने के लिए डमी बनाकर ट्रायल किया.


आज ही सुप्रीम कोर्ट ने पवन की सुधारात्मक याचिका खारिज कर दी थी. जस्टिस एन वी रमन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कहा दोषी की दोषसिद्धि और सजा की पुन: समीक्षा का कोई मामला नहीं बनता.


राष्ट्रपति के पास भेजी गई अर्जी के आधार पर दोषी पवन के वकील ने निचली अदालत में याचिका दाखिल की है. वकील एपी सिंह ने अर्जी में कहा है कि एक दया अर्जी दायर की है और फांसी की तामील पर रोक लगनी चाहिए.


अदालत ने उसके बाद उनसे कहा कि वह अपने मामले की जिरह के लिए दोपहर लंच ब्रेक के बाद आएं. लंच ब्रेक के बाद की सुनवायी के दौरान अदालत ने सिंह की यह कहते हुए खिंचाई की, ‘‘आप आग से खेल रहे हैं, आपको सतर्क रहना चाहिए. किसी के द्वारा एक गलत कदम, और आपको परिणाम पता हैं.’’


सुनवायी के दौरान तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने कहा कि दया याचिका दायर होने के बाद गेंद अब सरकार के पाले में है और न्यायाधीश की फिलहाल कोई भूमिका नहीं है. अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रपति जेल प्रशासन से पवन की दया याचिका पर एक स्थिति रिपोर्ट मांगेंगे और जब वह होगा, उससे फांसी की तामील पर स्वत: ही रोक लग जाएगी.


निर्भया मामले में पवन समेत चार दोषियों को निर्भया केस में मौत की सजा सुनायी गई है. लेकिन फांसी से बचने के लिए चारों आरोपी दर्जनों प्रयास कर चुके हैं. निचली अदालत के डेथ वारंट के मुताबिक सभी चार दोषियों को कल सुबह 6 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जानी है. तिहाड़ जेल के अधिकारियों के मुताबिक, आज ही पवन जल्लाद ने डमी को फांसी देकर अभ्यास किया.


2012 की है घटना
दक्षिण दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को एक चलती बस में 23 वर्षीय छात्रा ‘निर्भया’ से सामूहिक बलात्कार और उसपर बर्बर हमला हुआ था. निर्भया की 29 दिसंबर को उसी साल सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में मौत हो गई थी.

ये चार हैं दोषी
मुकेश सिंह, विनय शर्मा, अक्षय कुमार सिंह, पवन गुप्ता, राम सिंह और एक किशोर को इस मामले में दोषी पाया गया था. राष्ट्रपति मुकेश, विनय और अक्षय की दया याचिका अस्वीकार कर चुके हैं. राम सिंह ने जेल में आत्महत्या कर ली थी और किशोर को सजा पूरी करने के बाद रिहा कर दिया गया था.

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