नई दिल्लीः निर्भया केस के चारों दोषियों को डेथ वारंट जारी हो चुका है और अब 22 जनवरी 2020 को सुबह 7 बजे पवन, विनय, मुकेश और अक्षय को फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा. यहां आपको हम बता रहे हैं कि चारों दोषियों को कहां फांसी मिलेगी और तिहाड़ जेल में फांसी के क्या इंतजाम किए गए हैं. जेल सूत्रों के मुताबिक डेथ वारंट जारी होने के बाद कैदियों से काम कराना बंद कर दिया जाता है. 24 घंटे उन पर कड़ी निगरानी रखी जाती है. साथ ही दिन में दो बार मेडिकल चेकअप करवाया जाता है.
तिहाड़ जेल प्रशासन बुधवार से फांसी की तैयारियां शुरु कर देगा और फांसी के चारों आरोपियों को जल्द ही जेल नंबर तीन के फांसी घर में भेजा जा सकता है. फिलहाल कोर्ट का आदेश आने के बाद जेल प्रशासन ने चारों पर निगरानी बढ़ा दी है.
जेल नंबर तीन में बना है फांसीघर
सूत्रों के मुताबिक, तिहाड़ जेल में निर्भया के दोषियों को जल्द से जल्द फांसी देने को लेकर तिहाड़ जेल में तैयारी शुरू हो चुकी है. चार में से तीन आरोपी जेल नंबर दो मे बंद है जबकि एक आरोपी जेल नंबर चार में है. जेल सूत्रों के मुताबिक इन्हें जेल नंबर तीन मे लाया जायेगा जहां फांसीघर है.
कितना गहरा है फांसीघर का कुआं?
तिहाड जेल की तीन नंबर जेल में स्थित फांसी घर का कुंआ लगभग 15 फीट गहरा है और इसकी चौड़ाई लगभग दस फुट है. दरअसल फांसी की सजा पाए शख्स को जिस जगह पर फांसी लगाई जाती है. वह जगह कुएं के ऊपर एक तख्त लगाकर तैयार की जाती है. दोषी को उसके गले में फांसी का फंदा लगाकर इसी तख्त पर खड़ा किया जाता है. जल्लाद के लीवर खींचने के बाद ये तख्त हट जाता है और दोषी इस कुएं में लटक जाता है.
16 दिसंबर 2012 का वो काला दिन
16 दिसंबर, 2012 की रात दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में छह लोगों ने 'निर्भया' (23) के साथ मिलकर दुष्कर्म किया था. सामूहिक दुष्कर्म इतना विभीत्स था कि इससे देशभर में आक्रोश पैदा हो गया था, और सरकार ने दुष्कर्म संबंधी कानून और सख्त किए थे. छह दुष्कर्म दोषियों में से एक नाबालिग था, जिसे बाल सुधार गृह में भेज दिया गया और बाद में रिहा कर दिया गया. एक दोषी ने जेल में ही आत्महत्या कर ली थी.