नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में दिल्ली की एक अदालत की तरफ से मौत का वारंट जारी किए जाने से एक घंटे पहले दोषियों में से एक की मां ने पीड़िता की मां और कोर्ट से अपने बेटे की जिंदगी बख्श देने की मांग की. जज ने जहां मुकेश सिंह की मां की याचिका पर गौर फरमाने से इंकार कर दिया वहीं निर्भया की मां ने कहा - ‘‘मेरी भी एक बेटी थी.’’
दोषी की मां सुनवाई के बिल्कुल अंतिम चरण में कोर्ट रूम में आयी. वह अपनी साड़ी के पल्लू को भीख मांगने की मुद्रा में पकड़े हुए थी. रोते हुए पीड़िता की मां से गुहार लगाई, ‘‘मेरे बेटे को माफ कर दो. मैं उसकी जिंदगी की भीख मांगती हूं.’’ निर्भया की मां उससे दूर जाते हुए बोली, ‘‘मेरी भी एक बेटी थी. उसके साथ क्या हुआ, मैं कैसे भूल जाऊं? मैं भी सात वर्षों से न्याय का इंतजार कर रही हूं....’’ निर्भया की मां की आंखें भी भींगी हुई थीं.
निर्भया के गुनहगारों की फांसी की तारीख तय, टालने के लिए अभी भी दो विकल्प
इसके बाद जज ने कोर्ट रूम में शांत रहने का आदेश दिया. इसके बाद दोषी की मां जज के पास गई और रहम की गुहार लगाई. बहरहाल जज उसकी याचिका सुने बगैर अपनी सीट से चले गए. इसके बाद दोषी की मां ने कोर्ट रूम के बाहर मीडियाकर्मियों से कहा कि उसके बेटे को फंसाया गया क्योंकि वह गरीब है. कोर्ट ने सभी चार दोषियों को 22 जनवरी को फांसी पर लटकाने का आदेश दिया है.
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