नई दिल्ली: निर्भया मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी करने से इंकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि दोषियों के पास अभी सात दिनों का वक्त हैं. कोर्ट ने विशेष पब्लिक प्रॉसिक्यूटर की याचिका को खारिज किया. कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले का उदाहरण देते हुए कहा कोर्ट ने अपने फैसले में दोषियों को सात दिनों का वक्त दिया है ताकि अर्जी या याचिका दाखिल कर सके.


पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने कहा कि किसी भी दोषी की कोई याचिका कही लंबित नही है. पांच फरवरी को अक्षय की दया याचिका खारिज हो चुकी है. उस हिसाब से 14 दिन का समय देते हुए नया डेथ वारंट इश्यू होना चाहिए. जज ने पूछा एक दोषी के पास अभी भी क्यूरेटिव याचिका और दया याचिका दाखिल करने का मौका है, आपको क्यों लगता है कि वो याचिका दाखिल नहीं करेगा?


निर्भया की मां आशा देवी ने क्या कहा?


वहीं निर्भया की मां आशा देवी ने कहा,  आज, कोर्ट के पास शक्ति थी और हमारे पास समय था। कुछ भी लंबित नहीं था, फिर भी डेथ वारंट जारी नहीं किया गया. यह हमारे साथ अन्याय है, मैं तब तक देखूंगी जब तक कोर्ट दोषियों को समय देती और सरकार उसका समर्थन करती है.


अब तक दो बार जारी किया जा चुका है डेथ वारंट


31 जनवरी को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया मामले के चारों दोषियों मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार (31) की फांसी पर अगले आदेशों तक रोक लगा दी थी. चारों दोषियों के फांसी पर चढ़ाने के लिए दो बार डेथ वारंट जारी किया जा चुका है लेकिन अभी तक सजा नहीं हो पाई है. चारों दोषी कानूनी विकल्प का इस्तेमाल कर इसमें देरी कर रहे हैं.


बता दें कि इस मामले में पहला डेथ वारंट 7 जनवरी को जारी किया गया. इसके तहत निर्भया मामले के चारों दोषियों को 22 जनवरी की सुबह सात बजे फांसी दी जानी थी. इसके बाद दूसरा डेथ वारंट 17 जनवरी को जारी किया गया. इसके तहत चारों दोषियों को 1 फरवरी को फांसी होनी थी लेकिन 31 जनवरी को कोर्ट ने अनिश्चितकालीन के लिए फांसी पर रोक लगा दी. हाई कोर्ट ने भी कहा था कि चारों दोषियों को एक साथ फांसी होनी चाहिए, अलग-अलग नहीं.