निर्भया केस: दोषी विनय शर्मा की दया याचिका भी खारिज, जल्द जारी होगा नया डेथ वारंट
विनय शर्मा के वकील ने बताया कि विनय शर्मा ने बुधवार को राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दायर की थी. वहीं गृह मंत्रालय की ओर से साफ कर दिया गया है कि विनय की दया याचिका को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया है.
नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निर्भया केस में मौत की सजा पाने वाले चारों ही दोषियों की दया याचिका को खारिज कर दिया है. बता दें कि दोषी विनय शर्मा की दया याचिका को भी राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया है. गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी है. एक अन्य आरोपी मुकेश सिंह की दया याचिका भी पिछले महीने खारिज कर दी गई थी. ऐसी स्थिति में पटियाला हाउस कोर्ट जल्द ही नया डेथ वारंट जारी करेगा.
भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा विनय शर्मा की दया याचिका खारिज होने के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन भी पटियाला हाउस कोर्ट में सभी चार दोषियों की फांसी की नई तारीख तय करने की मांग कर रहा है.
Tihar Official: In view of the rejection of mercy petition of Vinay (one of the convicts in 2012 Delhi gang-rape case) by the President of India, the Tihar Jail is approaching the Patiala House Court to fix a date of execution of all four convicts in the #NirbhayaCase.
— ANI (@ANI) February 1, 2020
क्या था पूरा मामला-
16 दिसंबर, 2012 की रात को साउथ दिल्ली में एक चलती बस में एक मेडिकल स्टूडेंट के साथ गैंगरेप किया गया था. जिसके बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. पुलिस ने मामले में मुकेश, विनय, अक्षय कुमार सिंह, पवन गुप्ता, राम सिंह और एक नाबालिग को आरोपी बनाया था.
नाबालिग आरोपी को छोड़कर अन्य पांच लोगों के खिलाफ मार्च 2013 में एक विशेष अदालत में सुनवाई हुई थी. मुख्य आरोपी राम सिंह ने सुनवाई शुरू होने के कुछ दिन बाद तिहाड़ जेल में खुद को फांसी पर लटाकर आत्महत्या कर ली थी. वहीं नाबालिग को तीन साल बाल सुधार गृह में रखा गया. 2015 में उसकी सजा पूरी होने के बाद उसे रिहा कर दिया गया. वहीं मुकेश, विनय, अक्षय और पवन को दोषी करार देने के बाद सितंबर 2013 में मौत की सजा सुनाई गई थी. निर्भया की मां का कहना है कि इन दरिंदों को जीने का कोई अधिकार नहीं है. हम कानून व्यवस्था से निराश होते जा रहे हैं. मैं दोषियों को फांसी दिये जाने तक लड़ाई जारी रखूंगी.
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