नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के दोषियों में से एक अक्षय कुमार सिंह की दया याचिका खारिज कर दी है. एक अधिकारी ने इसकी जानकारी की. निर्भया मामले में चार दोषी (मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार) हैं और फांसी से बचने के लिए हर दिन नई-नई तरकीबें अपना रहे हैं.
निचली अदालत ने चारों दोषियों को 22 जनवरी की सुबह सात बजे फांसी की सजा देने के लिए 7 जनवरी को डेथ वारंट जारी किया था, लेकिन उनमें से एक की दया याचिका लंबित होने के चलते उन्हें फांसी नहीं दी गई.
इसके बाद 17 जनवरी को निचली अदालत ने एक फरवरी की तारीख तय की, लेकिन अदालत ने 31 जनवरी को फांसी की सजा स्थगित कर दी थी, क्योंकि दोषियों के वकील ने अदालत से फांसी पर अमल को ‘‘अनिश्चितकाल’’ के लिए स्थगित करने की अपील की और कहा कि उनके कानूनी उपचार के मार्ग अभी बंद नहीं हुए हैं.
इसके बाद केंद्र और राज्य सरकार ने एक फरवरी को दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया और फांसी पर रोक लगाने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी. आज दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया.
साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि निर्भया मामले के सभी दोषियों को एक साथ फांसी दी जाए, न कि अलग- अलग. फैसले का अहम हिस्सा पढ़ते हुए न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने दोषियों को निर्देश दिया कि वे उपलब्ध कानूनी उपचारों के तहत सात दिन के अंदर आवदेन कर सकते हैं, जिसके बाद अधिकारियों को कानून के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए.
मुकेश, विनय और अक्षय की दया याचिका राष्ट्रपति के यहां से खारिज हो चुकी है जबकि पवन ने यह याचिका अभी नहीं दाखिल की है.
निर्भया मामला: HC ने कहा- चारों दोषियों को एक साथ फांसी दी जानी चाहिए, अलग-अलग नहीं