नई दिल्ली: निर्भया मामले के दोषी मुकेश के घर वालों को केंद्रीय कारागार तिहाड़ जेल प्रशासन की तरफ से पत्र भेजा गया है जिसमें बताया गया है कि मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति की तरफ से खारिज कर दी गई है. दूसरी तरफ तिहाड़ जेल प्रशासन ने चारों आरोपियों से यह भी पूछा है कि वह कब-कब अपने परिवार वालों से मुलाकात करना चाहते हैं.


तिहाड़ जेल सूत्रों के मुताबिक प्रशासन की तरफ से एक पत्र निर्भया के चार गुनाहगारों में से एक मुकेश के घर पर भेजा गया है. इस पत्र में जेल प्रशासन की तरफ से कहा गया है, मुकेश ने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका लगाई थी जिसे खारिज कर दिया गया है और उसके बाद उसे फांसी देने का रास्ता खुल गया है.


नियम के मुताबिक जब किसी आरोपी की दया याचिका राष्ट्रपति खारिज कर देते हैं तो उसके परिजनों को जेल प्रशासन द्वारा लिखित में बताना होता है, उनके परिवार के व्यक्ति की दया याचिका राष्ट्रपति की तरफ से खारिज कर दी गई है. इस पत्र का मकसद साफ तौर पर है कि मुकेश ने अपनी अंतिम दया याचिका डाली थी वह अब पूरी तरह से निरस्त कर दी गई है और अंतिम विकल्प के तौर पर उसके परिजन या मुकेश अगर चाहें तो राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ कोर्ट के सामने 14 दिनों के अंदर अपील कर सकते हैं.


तिहाड़ जेल के एक आला अधिकारी ने बताया, निर्भया के चारों गुनाहगारों से पूछा गया है कि वह अपने परिवार से कब-कब मुलाकात करना चाहते हैं. जेल सूत्रों के मुताबिक अभी तक निर्भया के चारों गुनहगारों ने इस बारे में अपना कोई अंतिम जवाब जेल प्रशासन को नहीं दिया है.


जेल सूत्रों के मुताबिक अभी तक किसी के भी परिवार को अंतिम मुलाकात के लिए कोई चिट्ठी नहीं लिखी गई है, क्योंकि आरोपियों के पास अभी विकल्प बाकी है और जैसा कि इस मामले में होता आया है कि अपने अंतिम दिनों में कोई ना कोई आरोपी एक बार फिर कोई ना कोई कानूनी अड़चन फिर से खड़ी कर सकता है. सूत्रों की मानें तो चारों आरोपियों की दया याचिका खारिज होने के बाद ही उनसे उनके परिवारों की अंतिम मुलाकात के लिए कहा जाएगा.


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