नई दिल्ली: आज निर्भया केस के चारों दोषियों के खिलाफ दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट जारी कर दिया. चारों दोषियों मुकेश, विनय शर्मा, अक्षय सिंह और पवन गुप्ता को 22 जनवरी की सुबह सात बजे फांसी दी जाएगी. हालांकि चारों दोषियों के पास 14 दिनों का वक्त है. दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल करेंगे. इस बीच तिहाड़ जेल प्रशासन का बयान आया है.


तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने कहा कि फांसी देने के लिए हम मेरठ के एक जल्लाद संपर्क करेंगे. एक साथ चारों दोषियों को फांसी देने के लिए हमारे पास उचित व्यवस्था है. तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने एक जल्लाद की सेवा लेने और अदालत द्वारा आज तय किए गए चारों दोषियों को फांसी की तारीख और समय के बारे में सूचित करने के लिए यूपी के जेलों को चिट्ठी लिखी है. तिहाड़ जेल में कल फांसी घर का निरीक्षण होगा. चारों कैदियों को अलग-अलग बैरक में रखा गया है.





बता दें कि ये केस साल 2012 का है. 16 दिसंबर 2012 को निर्भया के साथ गैंगरेप की घटना हुई थी. 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर में इलाज के दौरान निर्भया की मौत हो गई थी. 11 मार्च 2013 को एक आरोपी ने जेल में आत्महत्या कर ली. एक नाबालिग आरोपी को 31 अगस्त 2013 को तीन साल की सजा सुनाई गई. 13 सितंबर 2013 को निचली अदालत ने चारो दोषियों को मौत की सजा सुनाई. 13 मार्च 2014 को दिल्ली हाई कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी. 5 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने विनय, पवन और मुकेश की पुनर्विचार याचिका खारिज की.


आज कोर्ट के फैसले के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि उनकी बेटी को न्याय मिल गया. चारों दोषियों को सजा देश की महिलाओं को सशक्त बनाएगा. इस फैसले से न्यायिक प्रणाली में लोगों का विश्वास मजबूत होगा. वहीं निर्भया के पिता बद्रीनाथ सिंह ने कहा कि इस फैसले से ऐसे अपराध करने वाले लोगों में डर पैदा होगा.


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