नई दिल्ली: निर्भया मामले (Nirbhaya Case) में अब जल्द ही दोषियों को फांसी हो सकती है. आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक दोषी पवन कुमार गुप्ता की दया याचिका खारिज कर दी. जिसके बाद दिल्ली सरकार ने निर्भया मामले के चार दोषियों को फांसी के लिए नई तारीख का अनुरोध करने के लिए अदालत का रुख किया है. जिसके बाद कोर्ट ने दोषियों को नोटिस जारी कर कल तक जवाब मांगा है.
वहीं तिहाड़ जेल प्रशासन और निर्भया के माता-पिता ने नए डेथ वारंट के लिए जल्द कोर्ट जाने की बात कही है. एक अधिकारी ने कहा कि पवन गुप्ता की दया याचिका खारिज होने के बाद निर्भया कांड के दोषियों को फांसी की सजा की तामील के लिए नई तारीख को लेकर तिहाड़ जेल प्रशासन अदालत जाएगा.
वहीं निर्भया के माता-पिता के वकील सीमा कुशवाहा ने कहा, ''हम आज पटियाला कोर्ट में एक नई अर्जी डाल रहे हैं कि फांसी के लिए नई तारीख तय की जाए. अब जो तारीख तय होगी वो फाइनल तारीख होगी जिसमें इन चारों दोषियों को फांसी दी जाएगी. अब चारों दोषी अपने सभी अधिकारों का पूरी तरह से इस्तेमाल कर चुके हैं.'' यहां ध्यान रहे कि पवन गुप्ता के पास राष्ट्रपति की दया याचिका खारिज किए जाने को चुनौती देने का विकल्प है.
इस तारीख को हो सकती है फांसी
संभव है कि निर्भया मामले में दोषियों को 18 या 19 मार्च को फांसी हो. नियमों के मुताबिक एक बार राष्ट्रपति किसी दोषी की दया याचिका खारिज कर देते हैं तो उसके बाद से उसको 14 दिन का वक्त और दिया जाता है. ताकि इस दौरान अपने परिवार वालों से मिल सके और अपनी अंतिम इच्छा को पूरा कर सके.
तीन दोषियों की दया याचिका पहले से है खारिज
पवन गुप्ता से पहले मुकेश, विनय और अक्षय की दया याचिका को राष्ट्रपति पहले ही खारिज कर चुके हैं. हालांकि अक्षय की तरफ से कहा जा रहा है कि उसने एक दूसरी दया याचिका भी राष्ट्रपति के पास भेजी है लेकिन उस पर विचार करना या ना करना यह राष्ट्रपति का विशेषाधिकार है. मामले के दो अन्य दोषी राम सिंह ने जेल में आत्महत्या कर ली थी वहीं एक नाबालिग को तीन साल की सजा के बाद सुधार गृह से छोड़ दिया गया था.
तीन डेथ वारंट पहले ही खारिज हो चुके हैं
निर्भया मामले में दोषियों के खिलाफ दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने तीन बार डेथ वारंट जारी किया लेकिन तीनों बार ही दोषियों ने कानूनी पेचदगियों का फायदा उठाते हुए डेथ वारंट पर रोक लगवाने में कामयाब रहे. लेकिन अब दोषियों के सभी विकल्प करीब-करीब खत्म कर चुके हैं.
निर्भया के पिता ने क्या कहा?
''उसके (पवन गुप्ता) पास बस एक विकल्प बचा है...दया याचिका ठुकराए जाने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख करना, बाकी सब ये इस प्रक्रिया से गुजर चुक हैं. देखते हैं आगे क्या होता है, लेकिन हमें यकीन है कि न्याय होगा.’’
निर्भया के साथ 16 दिसंबर 2012 को दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में बर्बरतापूर्वक गैंगरेप किया गया था. निर्भया की 29 दिसंबर को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में मौत हो गयी थी जहां उसे बेहतर इलाज के लिए ले जाया गया था.