नई दिल्ली : देश और दुनिया ही नहीं 16 दिसंबर, 2012 को पूरी इंसानियत शर्मसार हुई थी. चलती बस में दरिंदों ने जो हरकत की थी उससे पूरा देश शर्मसार था और घटना से जुड़ी हर तारीख आज भी नजरें झुका देती है. जेल में बंद आरोपियों को फांसी की सजा हो चुकी है लेकिन, आज इस पर देश की सर्वोच्च न्यायालय मुहर लगाएगी. इस बीच हम हर उस तारीख की चर्चा करेंगे जो इस मामले में अहम है...


16 दिसंबर, 2012 : दक्षिणी दिल्ली में पैरामेडिकल की छात्रा के साथ दरिंदगी. उसे और उसके साथी हो महिपालपुर में घायल अवस्था में फेंका.


17-18 दिसंबर, 2012 : पुलिस ने अगले ही दिन चार आरोपियों बस चालक राम सिंह, मुकेश, विनय शर्मा और पवन गुप्ता की पहचान की, गिरफ्तार किया.


21 दिसंबर, 2012 : घटना का पांचवा आरोपी भी पकड़ा गया. वह नाबालिग था और घटना के बाद उत्तराखंड भाग गया था.


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22 दिसंबर, 2012 : घटना का छठवां आरोपी अक्षय ठाकुर का पता पुलिस ने लगाया. कई जगहों पर छापेमारी के बाद बिहार से आरोपी गिरफ्तार हुआ.


23 दिसंबर, 2012 : निर्भया कांड पर लोगों का गुस्सा बाहर आ चुका था. लोग सड़कों पर उतर आए थे. इंडिया गेट पर भारी विरोध हो रहा था.


25 दिसंबर, 2012 : निर्भया की हालत लगातार गंभीर होती जा रही थी. इस बीच प्रदर्शन के दौरान चोट लगने से पुलिस कांस्टेबल सुभाष तोमर की मौत हो गई.


26 दिसंबर, 2012 : निर्भया की हालत में सुधार नहीं था. ऐसे में उसे सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ हास्पिटल में ले जाने का फैसला किया गया.


29 दिसंबर, 2012 : सुबह के समय दो बजकर 15 मिनट पर निर्भया जिंदगी के लिए जंग हार गई. सिंगापुर में उसकी मौत हो गई. आरोपियों के खिलाफ हत्या की धारा भी लगी.


02 जनवरी, 2013 : देश के मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर ने इस मामले में तेजी से सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की व्यवस्था कराई.


03 जनवरी, 2013 : पुलिस ने पूरे मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ हत्या, गैंगरेप, अपहरण और अन्य आरोपों में चार्जशीट दाखिल की.


07 जनवरी, 2013 : अदालत में सुनवाई जारी थी. इसके बाद कोर्ट ने इन-कैमरा कार्यवाई का निर्देश दिया. कोर्ट रूम में सिर्फ मामले से जुड़े लोग ही जा सकते थे.


28 फरवरी, 2013 : छठवें आरोपी के उम्र को लेकर फैसला आ गया. बताया गया कि उसकी उम्र 18 साल से कम है.


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11 मार्च, 2013 : पांच आरोपियो में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल के अंदर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बताया जाता है कि उसने माफी भी मांगी थी.


25 जुलाई, 2013 : जुवेनाईल जस्टिस बोर्ड ने मामले में सजा का ऐलान 5 अगस्त तक टाल दिया. 'जुवेनाइल' शब्द को लेकर दाखिल पीआईएल के मद्देनजर फैसला


31 अगस्त, 2013 : नाबालिग को मामले में दोषी पाया गया. जुवेनाईल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग को तीन साल के लिए बाल सुधार गृह भेजा. यह किसी भी नाबालिग के लिए अधिकतम सजा है.


10 सितंबर, 2013 : चार अन्य बालिग आरोपियों को भी कोर्ट ने मामले में दोषी पाया (पांचवे राम सिंह की मौत हो चुकी थी). 13 मामलों में उन्हें दोषी पाया गया.


13 सितंबर, 2013 : चारों आरोपियों मुकेश, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर को मौत की सजा सुनाई गई.


07 अक्टूबर, 2013 : चार में से दो विनय ठाकुर और अक्षय ठाकुर ने सजा के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की.


13 मार्च, 2014 : दिल्ली हाईकोर्ट ने चारों आरोपियों को फांसी की सजा का फैसला सही ठहराया.


02 जून, 2014 : फिर से दो आरोपियों ने हाईकोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की.


05 मई, 2017 : सुप्रीम कोर्ट इस मामले में फैसला सुना सकता है. निर्भया के परिजनों का कहना है कि फांसी से कम सजा बर्दाश्त नहीं है.