नई दिल्ली: चार दिन बाद यानी 16 दिसंबर को दिल्ली गैंगरेप के सात साल पूरे हो जाएंगे. इस बीच निर्भया गैंगरेप के दोषियों की फांसी को लेकर सरगर्मी तेज़ है. तिहाड जेल, भारत सरकार, राष्ट्रपति कार्यालय और दूसरे कई सरकारी विभागों में हलचल तेज है. सूत्रों के हवाल से ऐसी खबरें आ रही हैं कि इन दोषियों को जल्द ही फांसी के फंदे पर चढ़ाया जा सकता है. इन सरगर्मियों के बीच हम आपको फांसी, फांसीघर और इनसे जुड़ी कुछ बातों की जानकारी पेश कर रहे हैं.
जेल नंबर तीन में बना है फांसीघर
सूत्रों के मुताबिक, तिहाड़ जेल में निर्भया के दोषियों को जल्द से जल्द फांसी देने को लेकर प्रक्रियाएं तेज़ है. सभी आरोपियों को तिहाड़ जेल ले जाया जा चुका है. चार में से तीन आरोपी जेल नंबर दो मे बंद है जबकि एक आरोपी जेल नंबर चार में है. जेल सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति के यहां से इनकी याचिकाएं खारिज होने के बाद इन्हें जेल नंबर तीन मे लाया जायेगा जहां फांसीघर है.
कितना गहरा है फांसीघर का कुआं?
तिहाड जेल की तीन नंबर जेल में स्थित फांसी घर का कुंआ लगभग 15 फीट गहरा है और इसकी चौड़ाई लगभग दस फुट है. दरअसल फांसी की सजा पाए शख्स को जिस जगह पर फांसी लगाई जाती है. वह जगह कुएं के ऊपर एक तख्त लगाकर तैयार की जाती है. दोषी को उसके गले में फांसी का फंदा लगाकर इसी तख्त पर खड़ा किया जाता है. जल्लाद के लीवर खींचने के बाद ये तख्त हट जाता है और दोषी इस कुएं में लटक जाता है.
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दोषियों को जल्द फांसी पर आज सुनवाई
गौरतलब है कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में आज निर्भया के दोषियों को जल्द फांसी की मांग वाली निर्भया की मां की याचिका पर सुनवाई होनी है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मामले के चारों दोषियों से उस याचिका पर उनका पक्ष मांगा था साथ ही तिहाड़ जेल प्रशासन से भी जाना चाहता कि आखिर इन दोषियों ने राहत के लिए कहां-कहां याचिका अभी भी दायर कर रखी हैं. तिहाड़ जेल प्रशासन के साथ ही दोषियों के वकील भी अदालत में इस केस से जुड़े लंबित मामलों के बारे में जानकारी देंगे. गौरतलब है कि निर्भया की मां ने चारों दोषियों के लिए जल्द से जल्द फांसी की मांग की है.
16 दिसंबर 2012 का वो काला दिन
16 दिसंबर, 2012 की रात दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में छह लोगों ने 'निर्भया' (23) के साथ मिलकर दुष्कर्म किया था. सामूहिक दुष्कर्म इतना विभीत्स था कि इससे देशभर में आक्रोश पैदा हो गया था, और सरकार ने दुष्कर्म संबंधी कानून और सख्त किए थे. छह दुष्कर्म दोषियों में से एक नाबालिग था, जिसे बाल सुधार गृह में भेज दिया गया और बाद में रिहा कर दिया गया. एक दोषी ने जेल में ही आत्महत्या कर ली थी.
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