मेरठ से हैं चार दरिंदों को फंदे पर झुलाने वाले पवन जल्लाद, फांसी के पैसे से करेंगे बेटी की शादी
पवन ने बताया कि उसने, दादा कालू राम जल्लाद के साथ 20-22 साल की उम्र में दो सगे भाइयों की फांसी लगवाई थी. वो फांसी पटियाला सेंट्रल जेल में लगाई गई थी. आगरा सेंट्रल जेल से पहले मैं अपने पुरखों के साथ जयपुर और इलाहाबाद (अब प्रयागराज) जेल में भी फांसी लगवाने गया था.
नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड के चारों दोषियों को आज तिहाड़ जेल में सुबह ठीक 5.30 बजे फांसी दे दी गई. निर्भया के दोषियों को फांसी पर झुलाने वाले जल्लाद का नाम पवन है और वह उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के रहने वाले हैं. पवन जल्लाद का परिवार कई पीढ़ियों से जल्लाद का काम करता आ रहा है. पवन के पर-दादा लक्ष्मण, दादा कालू जल्लाद और पिता मम्मू जल्लाद भी फांसी की सजा को क्रियान्वित करने का काम किया करते थे. जानिए पवन जल्लाद के बारे में.
चार दोषियों को फांसी पर चढ़ाकर पवन ने बनाया रिकॉर्ड
पवन ने चार दोषियों को एक साथ फांसी पर लटकाकर आजाद भारत में तिहाड़ जेल में हुई फांसियों को लेकर अपना नाम इतिहास में दर्ज करा लिया है. यहां एक ही अपराध के लिए चार दोषियों को एक साथ फांसी देने का यह रिकॉर्ड अब पवन के नाम है.
पवन जल्लाद के दादा कल्लू, पिता मम्मू भी जल्लाद थे
एक इंटरव्यू में पवन जल्लाद ने बताया था, ‘’मैं पुश्तैनी जल्लाद हूं. मेरे परदादा लक्ष्मन, दादा कालू उर्फ कल्लू, पिता मम्मू भी जल्लाद थे. मैंने भी अपने पुरखों के साथ कई फांसी लगाने में हिस्सा लिया. उन्हीं से फांसी लगाने की कला सीखी. फांसी लगाना बच्चों का खेल नहीं है. बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है, क्योंकि जल्लाद की एक गल्ती का खामियाजा फांसी पर टंगने वाले को बहुत बुरे हाल में ला सकता है.”
20-22 साल की उम्र में लगवाई थी पहली फांसी
पवन ने बताया कि उसने, दादा कालू राम जल्लाद के साथ 20-22 साल की उम्र में दो सगे भाइयों की फांसी लगवाई थी. वो फांसी पटियाला सेंट्रल जेल में लगाई गई थी. इस वक्त पवन की उम्र करीब 58 साल है. बकौल पवन जल्लाद, “जहां तक मुझे याद आ रहा है साल 1988 के आसपास मैंने दादा कालू राम जल्लाद के साथ अभी तक की अंतिम फांसी आगरा सेंट्रल जेल में लगाई थी. फांसी चढ़ने वाला बुलंदशहर इलाके में हुई एक बलात्कार और हत्या का मुजरिम था. जिसे मैंने दादा के साथ मिलकर फांसी चढ़वाया. आगरा सेंट्रल जेल से पहले मैं अपने पुरखों के साथ जयपुर और इलाहाबाद (अब प्रयागराज) जेल में भी फांसी लगवाने गया था.”
तिहाड़ से मिले पैसों से करूंगा बेटी की शादी- पवन जल्लाद
पवन जल्लाद ने बताया, ‘’तमाम उम्र मुजरिमों को फांसी पर लटकाते रहने के बाद भी वो गरीब ही रहा. इस बार निर्भया के चारों मुजरिमों को को फांसी पर लटकाने का उसे बढ़ा हुआ मेहनताना करीब एक लाख रुपये (25 हजार रुपये प्रति मुजरिम) मिलेगा.’’ पवन जल्लाद ने बताया कि वो इस पैसे से अपनी बेटी की शादी करेंगे.
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