नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप मामले में सभी चार दोषियों मुकेश, विनय शर्मा, अक्षय सिंह और पवन गुप्ता को 22 जनवरी को फांसी की सजा दी जानी है. इससे पहले सभी दोषी फांसी से बचने के लिए हर तरकीब अपना रहे हैं. तिहाड़ जेल के एक अधिकारी ने बताया कि दोषी मुकेश सिंह ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका दायर की है.
इससे पहले आज ही सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा पाने वाले चार मुजरिमों में से विनय शर्मा और मुकेश कुमार की सुधारात्मक याचिकायें खारिज कर दीं थी. इन दोनों मुजरिमों की सुधारात्मक याचिका पर न्यायाधीशों के चैंबर में कार्यवाही की गई. 7 जनवरी को दिल्ली की अदालत ने चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फांसी दिये जाने का आदेश जारी किया था. इसके बाद विनय और मुकेश ने सुधारात्मक याचिका दायर की थी.
16 दिसंबर, 2012 को अपने एक साथी के साथ जा रही पैरामेडिकल छात्रा निर्भया के साथ एक निजी बस में छह लोगों ने बर्बर गैंगरेप किया और हमला करने बाद उसे जख्मी हालत में उसके दोस्त के साथ चलती बस से बाहर फेंक दिया गया.
पीड़ितों को सफदरगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया. बाद में सिंगापुर के अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया. 29 दिसंबर 2012 को पीड़िता ने गंभीर चोटों और शारीरिक समस्याओं से जुझते हुए दम तोड़ दिया. इस मामले में एक दोषी नाबालिग था. उसे दोषी ठहराया गया और वह सजा पूरी कर चुका है. वहीं एक अन्य दोषी राम सिंह ने जेल में खुदकुशी कर ली थी.
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