Nirbhaya Squad Guidelines: महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए मुंबई पुलिस ने जारी की 'निर्भया पथक' गाइडलाइन, जानें इसके बारे में
Nirbhaya Squad Guidelines: मुंबई पुलिस ने निर्भया पथक (स्क्वॉड को लेकर गाइडलाइन जारी की है. इसमें, विशेष पुलिस बल, हर रीजन में नोडल अधिकारी और विशेष वाहन की तैनाती की बात कही गई है.
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Nirbhaya Squad Guidelines: मुंबई के साकीनाका इलाके में हुए महिला के रेप और निर्मम हत्या की घटना के बाद मुंबई पुलिस महिला सुरक्षा को लेकर हरकत में आई है. एक तरफ जहां मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नगराले ने 11 बिंदुओं की गाइडलाइन जारी की थी, वही अब मुंबई पुलिस ने निर्भया पथक (स्क्वॉड को लेकर गाइडलाइन जारी की है. इस गाइडलाइंस में, विशेष पुलिस बल, हर रीजन में नोडल अधिकारी और विशेष वाहन की तैनाती के साथ साथ खुफिया कैमरे के इस्तेमाल की ट्रेनिंग भी शामिल है.
नई गाइडलाइंस में मुम्बई पुलिस ने इन बातों का जिक्र किया है:-
- मुंबई के सभी पुलिस थानों में 'वुमेन सेफ्टी सेल' बनाने का आदेश जारी किया गया.
- मुंबई के प्रत्येक थाने में तैनात किए गए मोबाइल वैन में से एक मोबाइल वैन निर्भया पथक के लिए तैनात की जाएगी.
- मुंबई के प्रत्येक रीजन (मुम्बई पुलिस विभाग में 5 रीजन है) में एक महिला एसीपी या एक महिला पुलिस निरीक्षक पद के अधिकारी को निर्भया पथक के नोडल अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया जाएगा.
- एक निर्भया पथक के अंतर्गत एक पुलिस सब इन्सपेक्टर पद की महिला अधिकारी व एक पुरुष कांस्टेबल व ड्राइवर की टीम बनाई जाएगी.
- इस निर्भया पथक की जानकारी पहुंचाने के लिए रेडियो, टेलीविज़न, न्यूज़ जैसे अलग-अलग संचार माध्यमों का इस्तेमाल किया जाएगा.
- निर्भय पथक के लिए हर पुलिस थाने में एक विशेष डायरी बनाई जाएगी, जिसमें अलग से हर डिटेल मौजूद होंगी. जिसे समय-समय पर नोडल अधिकारी जांचेंगे.
- निर्भया पथक में जिन अधिकारियों और कर्मचारियों को नियुक्त किया जाएगा, उनकी पहले 2 दिन स्पेशल ट्रेनिंग होगी. ताकि वो इन मामलों में एक्सपर्ट बन सके.
- जिस जिस पुलिस स्टेशन के इलाके में बाल गृह, अनाथालय या महिला PG मौजूद है, वहां पर पेट्रोलिंग करके गोपनीय जानकारी इकट्ठा करने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी.
- हर पुलिस थाने के अंतर्गत जिन जिन इलाकों में महिलाओं से संबंधित अपराध होने की घटनाएं सामने आई हैं, उन जगहों को चिन्हित किया जाए और इसके अनुसार पेट्रोलिंग पैटर्न बनाया जाएगा.
- झोपड़पट्टी का इलाका, मनोरंजन पार्क, स्कूल, कॉलेज परिसर, थिएटर, मॉल्स, मार्केट, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन के लिए जाने वाले अंडरग्राउंड पास, इसके अलावा ऐसी जगह जहां लोगों की आवाजाही कम होती है, उसे हॉटस्पॉट में शामिल किया जाएगा.
- रात को अगर कोई लड़की सफर कर रही है और अगर वो मदद मांगती है तो उसे सुरक्षित जगह पहुंचाने में उसकी मदद की जाएगी.
- पुलिस स्टेशन के इलाके में अगर कोई वरिष्ठ महिला अकेली रहती है तो पेट्रोलिंग के दौरान उनसे मिलकर उनकी समस्या जानी जाएगी.
- पिछले 5 साल में महिलाओं और बच्चों के साथ अत्याचार करने वाले लोगों की लिस्ट बनाई जाएगी. पुलिस स्टेशन से ये लिस्ट लेकर इन लोगों पर निगरानी रखी जायेगी. इसके अलावा अलग से एक डायरी बनाई जाएगी, जहां इस तरह के चिन्हित किये गए लोगों से जुड़ी जानकारी रखी जाएगी.
- एडिशनल कमिश्नर को अपने इलाके में कंसल्टेशन कैम्प बनाने के आदेश दिए गए हैं. उस जगह पर पीड़ित महिला, पीड़ित बच्चों की मनोचिकित्सक से काउन्सलिंग करवाई जाएगी.
- 5 एडिशनल कमिश्नर के लेवल पर अधिकारियों और कर्मचारियों की ट्रेनिंग के लिए कैम्प बनाया जाए.
- एडिशनल कमिश्नर लेवल पर आदेश दिया गया है कि ट्रेनिंग लेने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को ख़ुफ़िया कैमरा हैंडल करने की ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि महिलाओं को घूरने या पीछा करने जैसे मामलो में सबूत इकट्ठा किया जा सके. इसी के साथ रोज़ाना जो कैमरा में रिकॉर्ड किया जाएगा, उस सब जानकारी को पुलिस स्टेशन में जाकर कंप्यूटर में सेफ किया जाएगा.
- एडिशनल कमिश्नर को आदेश दिया गया है कि हर महीने के पहले हफ्ते में 'निर्भया पथक' (स्क्वाड) के अधिकारियों और कर्मचारियों की मीटिंग ली जाए और कार्यप्रणाली के बारे में बात की जाए. ज़रूरी हो तो उसमें सुधार लाया जाए.
- 103 नंबर महिला सुरक्षा की हेल्पलाइन के लिए इस्तेमाल की जाती है. इसे आम लोगों तक ज़्यादा से ज़्यादा प्रचारित किया जाए.
- निर्भया पथक को आदेश दिए गए हैं कि जितने भी स्कूल, कॉलेज, महिलाओं के PG हो वहां जाकर महिलाओं को उनकी सुरक्षा को लेकर ट्रेनिंग दी जाए. इसके अलावा हर जगह पर निर्भया पेटी रखी जाए, जिसमें महिलाएं अपनी शिकायतें डाल सके. जो भी पेट्रोलिंग के लिए जाएगा उसे उस पेटी को चेक करना होगा. शिकायत पर कार्रवाई भी करनी होगी.
- जो निर्भया पथक महिलाओं से जुड़े मामलों में बहुत बढ़िया काम करेगा, उसे मुंबई पुलिस कमिश्नर की तरफ से इनाम दिया जाएगा.
'आप काले कोट में हैं, इसका मतलब यह नहीं कि आपकी जान ज्यादा कीमती है' -सुप्रीम कोर्ट
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