लखनऊ: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद की टिप्पणियों को लेकर उत्तर प्रदेश के नेताओं के हमलावर तेवर बरकरार हैं और शनिवार को पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री ने निशाना साधते हुए कहा कि ‘आजाद जब-जब उत्तर प्रदेश में प्रभारी बनकर आये, कांग्रेस का सत्यानाश ही हुआ है.’


फेसबुक पर एक पोस्ट में खत्री ने आजाद के हालिया बयान का संदर्भ देते हुए लिखा है, ‘‘आपने (आजाद ने) कुछ राज्यों का जिक्र किया, दावा किया कि वहां आपके दम पर कांग्रेस की सरकार बनी. लेकिन आप उत्तर प्रदेश को भूल गये जहां आप जब-जब प्रभारी बन कर आये कांग्रेस का सत्यानाश किया.''


निर्मल खत्री ने कहा कि 1996 में आजाद ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बसपा से समझौता किया, नतीजा कोई खास नहीं रहा और 2017 में सपा से समझौता किया, सीट पहले से निम्नतम संख्सा (7) पर आ गयी.


खत्री ने तंज कसते हुए कहा, ‘‘यानी आप जब-जब उत्तर प्रदेश के प्रभारी के रूप में आये प्रदेश में कांग्रेस बैक गेयर में ही जाती रही. उन्होंने कहा कि 19 दिसंबर 1978 को इंदिरा जी की गिरफ्तारी और लोकसभा सदस्यता समाप्त किये जाने के विरोध में मैं फैजाबाद में गिरफ्तार हुआ और 22 दिसबंर तक जेल में रहा. खत्री ने कहा कि 1977 से 1980 के बीच कुछ वक्त तक आजाद, इंदिरा और संजय के साथ सक्रिय भूमिका में नहीं दिखे लेकिन जब उन्हें लगा कि कांग्रेस की वापसी हो सकती है, वह 1979 में दिल्ली में हुए एक प्रदर्शन में गिरफ्तार होकर तिहाड़ जेल पहुंचे. जबकि 1977 से ही देश में लाखों कांग्रेसी इंदिरा गांधी पर होने वाले जुल्म के विरोध में जेल भरो आंदोलन चला रहे थे.आजाद जी आपके संघर्ष की तुलना में लाखों कांग्रेसियों ने इस दौर में नेहरू-गांधी परिवार के साथ संघर्ष किया.


आजाद द्वारा 23 साल से कांग्रेस कार्य समिति का चुनाव नहीं होने का मसला उठाए जाने पर खत्री ने लिखा है कि 23 साल से जब आप स्वयं कार्य समिति के मनोनीत सदस्य थे तब यह सवाल क्यों नहीं उठाया.’’


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निर्मल खत्री ने कहा, 'मेरी भी राय में हर स्तर पर चुनाव होना चाहिए लेकिन आप जैसे नेताओं ने ही मनोनयन के रास्ते को बेहतर समझा और उसका आनंद लिया.'


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