नई दिल्ली: क्या भारत और चीन के बीच पिछले कुछ समय चल रही तनातनी खत्म हो गई है. क्या प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा से दोनों देशों की रिश्ते सुधर गए हैं. ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि खुद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत का चीन के साथ हिंद महासागर में किसी तरह का कोई तनाव नहीं है.


एबीपी न्यूज के के भारत चीन के रिश्तों को लेकर किए गए सवाल के जवाब में निर्मला सीतारमण ने कहा कि "मुझे तो भारतीय नौसेना की चीन के साथ हिंद महासागर में कोई तनातनी नहीं दिखाई दे रही है." आगे उन्होनें कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री की चीन यात्रा दिखाता है कि ये पिछले समय में चीन के साथ संबंधों में "एक बड़ा बदलाव आया है."


निर्मला सीतारमण राजधानी दिल्ली में आयोजित भारतीय नौसेना के द्विवार्षिक कमांडर्स कांफ्रेंस को संबोधित करने के बाद मीडिया से बातचीत की. इस सम्मेलन में नौसेना प्रमुख सहित सभी बड़े कमांडर्स मौजूद थे. साथ ही रक्षा राज्यमंत्री और रक्षा सचिव भी मौजूद थे. यह सम्मेलन चार दिनों (8-11 मई) तक चलने वाला है.


इस सम्मेलन में देश की समुद्री सीमाओं और आसपास के क्षेत्रों में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न रणनीतिक पहलुओं पर विस्तार से विचार-विमर्श किया जायेगा. ये नौसेना का इस साल का पहला सम्मेलन है.


रक्षा मंत्री ने उस सवाल को भी पूरी तरह से खारिज कर दिया, जिसमें हाल ही में पीएम की चीन की यात्रा के बाद भारतीय सेना को सीमा पर विवादित इलाकों में पैट्रोलिंग करने से पहले चीन के स्थानीय कमांड़रों को इत्तेला किया जाएगा.


हिंद महासागर में अपने पांव जमाने की में चीन सेना


आपको बता दें कि पिछले कुछ महीनों में चीनी नौसेना ने हिंद महासागर में अपने पांव जमाने की बड़ी कोशिश की है. चीन के युद्धपोत और पनडुब्बियां लगातार हिंद महासागर में देखे जा सकते हैं. यहां तक की चीन के युद्धपोत भारत की समुद्री सीमा के करीब आकर युद्धभ्यास भी कर रहे हैं. मालदीव विवाद के दौरान तो चीन की मीडिया में ये तक खबर आ गईं थीं कि चीनी युद्धपोत और भारतीय जहाज काफी करीब आ गए थे और भिडंत जैसे हालात बन गए थे. हालांकि भारतीय नौसेना ने इन खबरों को खंडन किया था और कहा था कि चीनी युद्धपोत मालदीव से करीब ढाई हजार किलोमीटर दूर थे.


इतना ही नहीं हाल ही में जब चीन के तीन युद्धपोत एंटी पायरेसी पैट्रोलिंग के लिए अरब सागर में आए तो भारतीय नौसेना ने अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट करते हुए कहा कि आपको हिंद महासागर में 'हार्दिक स्वागत है.' इसके अलावा चीनी नौसेना की बढ़ती मौजूदगी को देखते भारतीय नौसेना ने अपने करीब 50 युद्धपोतों को 'मिशन बेसड डेप्लोयमेंट' के लिए पूरे हिंद महासागर में तैनात कर दिया है. ताकि दूसरे देशों की नौसेनाओं को हिंद महासागर में पांव पसारने से रोका जा सके और अगर हिंद महासागर क्षेत्र में किसी भी तरह की कोई आपदा आती है तो भारतीय नौसेना उसके लिए 'फर्स्ट रेसपोंडर' हो.