नई दिल्ली: रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राफेल मामले में कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए शुक्रवार को कहा कि सरकार में रहते हुए कांग्रेस की मंशा विमान की खरीदने की नहीं थी, जबकि राष्ट्रीय सुरक्षा को जोखिम था. लोकसभा में राफेल मामले पर चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा, ''मेरा आरोप है कि उनका इरादा विमान खरीदने का इरादा नहीं था. राष्ट्रीय सुरक्षा को जोखिम था, लेकिन वे विमान नहीं खरीदना चाहते थे.''


निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकारों के बीच समझौते पर 23 सितंबर, 2016 को हस्ताक्षर किया गया. पहला विमान इस तिथि से तीन साल के भीतर यानी 2019 में आ जाएगा और शेष विमान 2022 तक आ जाएंगे. रक्षा मंत्री ने कहा कि बातचीत की प्रक्रिया 14 महीने में पूरी कर ली गई. हमने 10 साल का समय नहीं लगाया.


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रक्षा मंत्री ने कांग्रेस पर देश को इस मुद्दे पर गुमराह करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ''आपने (कांग्रेस) सौदे को रोक दिया. यह भूल गये कि वायुसेना को इसकी जरूरत है. क्योंकि यह सौदा आपको रास नहीं आया. दरअसल, इससे आपको पैसा नहीं मिला.''


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