वॉशिंगटन: आर्थिक विकास दर की कम होती रफ्तार ने चिंता की लकीड़ें खींच दी है. इस बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने कहा है कि भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था में ढांचागत सुधार किए हैं लेकिन अभी भी समस्या है और दीर्घावधि में वृद्धि को चलाने के लिए उसे इनका समाधान करने की जरूरत है. आईएमएफ ने हाल ही में 2019 के लिए भारत का आर्थिक वृद्धि दर अनुमान घटाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया है.
आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जार्जिवा ने कहा, ''भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था में ढांचागत सुधार किए हैं. लेकिन अभी भी समस्याओं का समाधान करने की जरूरत है. विशेषकर गैर-बैंकिंग संस्थानों और वित्तीय क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने की जरूरत है. अब वहां बैंकों के एकीकरण के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. इससे उनकी कुछ समस्याओं का समाधान होना चाहिए.''
इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आईएमएफ और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक में भाग लेने के लिए अमेरिका पहुंची हैं. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भले ही भारत की विकास दर का अनुमान घटा दिया है लेकिन देश की अर्थव्यवस्था ‘‘अब भी सबसे तेजी से विकास कर रही’’ है.
सीतारमण ने कहा कि हालांकि आईएमएफ की ताजा रिपोर्ट में भारत और चीन दोनों की विकास दर 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है, लेकिन वह निश्चित ही चीन के साथ तुलना नहीं करेंगी. उन्होंने कहा, ‘‘आईएमएफ ने (अपने हालिया अनुमान में) विश्व की सभी अर्थव्यवस्थाओं के लिए विकास दर कम कर दी है. इसने भारत के लिए विकास अनुमान कम कर दिया है. इसके बावजूद भारत अब भी सबसे तेजी से विकास करती अर्थव्यवस्था के तौर पर आगे बढ़ रहा है.’’
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सीतारमण ने कहा कि जो कुछ भी कहा जा रहा है, इसके बावजूद ‘‘इस बात को नजरअंदाज नहीं’’ किया जा सकता है कि भारत वैश्विक परिदृश्य में अब भी ‘‘सबसे तेजी से विकास’’ कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं चाहती हूं यह दर और अधिक हो सके. मैं चाहती हूं कि यह और तेजी से विकास कर सके. मैं इसे और तेजी से विकसित करने के लिए हर संभव कोशिश करूंगी, लेकिन यह सचाई है कि भारत अब भी तुलनात्मक रूप से तेजी से विकास कर रहा है.’’
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