वर्ल्ड बैंक के सामने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कही ये बात
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विश्व बैंक से सब्सिडी के लिए एक आयामी दृष्टिकोण से बचने को कहा है. उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण को लेकर भी चिंतित है.
Nirmala Sitharaman In America: अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने 14 अक्टूबर को विश्व बैंक-आईएमएफ की विकास समिति की बैठक में भाग लिया. यहां उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए इस साल 7 प्रतिशत की अनुमानित विकास दर के बावजूद भारत वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण और भू-राजनीतिक वातावरण को लेकर चिंतित है.
केंद्रीय वित्त मंत्री ने विश्व बैंक (World Bank) से सब्सिडी के एक आयामी दृष्टिकोण से बचने और अलग-अलग जिम्मेदारियों के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहमत बुनियादी सिद्धांत पर ध्यान न खोने का आग्रह किया. वित्त मंत्री ने उल्लेख किया कि "खाद्य और ऊर्जा संकट पत्र" ऊर्जा दक्षता को 'पसंद के पहले ईंधन' के रूप में पहचानता है. वित्त मंत्रालय ने सीतारमण के हवाले से कहा, "इसी तरह, फसल के नुकसान और खाने की बर्बादी को कम करना भी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 'पसंद का पहला हस्तक्षेप' होना चाहिए."
वित्त मंत्री की EU की आर्थिक आयुक्त से मुलाकात
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वाशिंगटन में यूरोपीय संघ (European Union) के आर्थिक आयुक्त पाउलो जेंतिलोनी से भी मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं ने मौजूदा वैश्विक अर्थव्यवस्था (Global Economy) पर चर्चा की. वित्त मंत्रालाय ने बताया कि शुक्रवार को हुई बैठक के दौरान सीतारमण और जेंतिलोनी ने 2023 में G-20 की भारत की अध्यक्षता के दौरान वैश्विक अर्थव्यवस्था और भारत-ईयू सहयोग मजबूत करने से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की.
उन्होंने बहुपक्षीय विकास बैंकों को और मजबूत करने की आवश्यकता पर भी चर्चा की, ताकि वे जरूरतमंद देशों की मदद कर सकें. अभी तक निर्मला सीतारमण ने प्रमुख देशों के अपने समकक्षों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें की हैं. उन्होंने गुरुवार को जर्मनी के वित्त मंत्री क्रिश्चियन लिंडनर से मुलाकात की थी.
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