PM Modi: बजट स्पीच के बाद आ गया था पीएम मोदी का फोन, निर्मला सीतारमण ने सुनाया किस्सा
PM Modi: निर्मला सीतारमण इस वीडियो में बता रही हैं कि एक नेतृत्वकर्ता कैसे अपने साथ के लोगों का ध्यान रखते हैं. निर्मला सीतारमण ने याद करते हुए कहा कि वह उनका पहला पब्लिक स्पीच था.
PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की 140 करोड़ जनता के साथ ही अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों, सांसदों, पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का भी हमेशा ख्याल रखते हैं. पीएम मोदी के इस अनोखे अंदाज के बारे में उनकी मंत्रिमंडल सहयोगी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना अनुभव साझा किया.
मोदी स्टोरी नाम के एक्स हैंडल पर निर्मला सीतारमण का एक वीडियो क्लिप शेयर किया गया है. जिसमें वह बता रही हैं कि पीएम मोदी किस तरह से अपने सहयोगियों का ख्याल रखते हैं. यह वीडियो अब लोगों के बीच पॉपुलर हो रहा है.
बजट स्पीच का क्या है वो किस्सा?
निर्मला सीतारमण इस वीडियो में बता रही हैं कि एक नेतृत्वकर्ता कैसे अपने साथ के लोगों का ध्यान रखते हैं. निर्मला सीतारमण ने याद करते हुए कहा कि वह उनका पहला पब्लिक स्पीच था, जो लगभग ढाई घंटे लंबा था. वह बजट स्पीच था. मैं नहीं जानती थी कि यह कितना लंबा होने वाला था. मैंने वहां पहुंचने से पहले पानी भी नहीं पिया था और पूरे सेशन के दौरान भी मैंने पानी नहीं पिया था. इसकी वजह से मेरे शरीर में पानी की कमी हो गई.
पीएम मोदी ने क्यों किया सीतारमण को फोन?
सीतारमण ने आगे कहा कि लोगों को लगा कि पता नहीं कि मेरे साथ क्या गलत हो गया. धीरे-धीरे मुझे बिना पढ़े ही चुप रहना पड़ा, तब लगभग 4-5 पैराग्राफ बचे हुए थे और मैंने स्पीकर महोदय से कहा कि कृपया इसे पढ़ा हुआ मान लें, मैं अब और नहीं पढ़ सकती. सीतारमण ने आगे बताया कि मैं वहां से घर नहीं पहुंची और पीएम का फोन आ गया कि आपने क्या किया है, कृपया अपना ख्याल रखें.
उन्होंने ऐसा कहा और फोन रख दिया, लेकिन उन्होंने मेरी देखभाल के लिए अपने निजी डॉक्टर को भेज दिया. उन्होंने डॉक्टर से कहा कि आप उनकी सभी आवश्यक जांच करें और देखें कि क्या वह ठीक हैं.
सख्त और गंभीर नहीं, मानवीय तत्व वाले नेता हैं पीएम मोदी
निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि और उसके बाद समय-समय पर आज भी वह मुझे याद दिलाते हैं कि क्या तुम अपना ख्याल रख रही हो. जबकि, उन्हें ऐसा करने की जरूरत नहीं है. वह कहते हैं कि इतने सारे मंत्री हैं, यदि आप अपना ख्याल रखेंगे तो आप सेवा कर सकेंगे और यदि नहीं तो मुझे क्षमा करें. ऐसे में वह यह सुनिश्चित करते हैं कि आप अपना ख्याल रखें.
निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि उन्हें परवाह है. लोग उन्हें एक सख्त, गंभीर, बड़े नेता के रूप में देखते हैं. लेकिन, उनमें वह मानवीय तत्व है, जिसे मैं उजागर करना चाहती हूं.