नई दिल्ली: निशा जिंदल की खबर अब देशभर में सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है. जी हां.. वही निशा जिंदल जिसके फेसबुक प्रोफाइल में एक लड़की की बेहद दिलकश तस्वीर लगी थी, अकाउंट पर हजारों की संख्या में फॉलोवर्स थे. उस अकॉउंट से लगातार धार्मिक उन्माद फैलाने वाले पोस्ट किए जा रहे थे.


शिकायत जब रायपुर पुलिस को मिली तो इस आईडी का पता लगाने वह पहुंची. वहां पहुंच कर पुलिस के होश फाख्ता हो गए. पता चला कि अकाउंट फर्जी था, यूजर 'निशा जिंदल' नाम की कोई लड़की नहीं, बल्कि लंबे वक्त से खाली बैठा रवि नाम का शख्स था. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया लेकिन इस खबर के सामने आने के बाद से ही सोशल मीडिया पर अलग-अलग तरह के रिएक्शन आ रहे हैं.


रायपुर के DIG ने लिखा,'' मैं लोगों से निवेदन करता हूं कि वह फेसबुक प्रोफाइल को कंटेट देखकर फॉलो करें न कि ऐसे ही किसी वजह से... नहीं तो आपका दिल टूट सकता है.''


GyanJaraHatke नाम के एक ट्विटर हैंडल ने लिखा कि रायपुर पुलिस को कोहिनूर मिला है.






कवि डॉ कुमार विश्वास ने निशा जिंदल मामले में ट्वीट कर रायपुर पुलिस को धन्यवाद दिया.उन्होंने लिखा कि निशा और निशाचर के भेद को जगज्ञापित करने रायपुर पुलिस को बधाई.






बता दें कि पुलिस के मुताबिक, 31 साल का रवि फर्जी IDs के जरिए सांप्रदायिक मैसेज पोस्‍ट किया करता था. 2012 से ही वह 'निशा जिंदल' और पाकिस्‍तानी एक्‍ट्रेस मीरा पाशा के नाम पर फेक ID बनाता आ रहा था. 2009 से रवि सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग का स्‍टूडेंट है मगर अबतक पास नहीं हो सका है. फेक IDs के जरिए वह खुद को इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF), वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) और वर्ल्‍ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) जैसी संस्‍थाओं का सदस्‍य बताता फिरता था.