पेगासस जासूसी कांड: निशिकांत दुबे का आरोप- संसदीय समिति की बैठक में महुआ मोइत्रा ने उन्हें 'बिहारी गुंडा' कहा
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा पर उन्हें 'बिहारी गुंडा' कहने का सनसनीखेज आरोप लगाया. उनके इस आरोप पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की भी प्रतिक्रिया सामने आई.
Pegasus Issue: जासूसी कांड के मुद्दे पर अब संसद के भीतर ही नहीं , बल्कि बाहर भी बवाल होने लगा है. आज इस मुद्दे पर होने वाली संसदीय समिति की बैठक कोरम की कमी के चलते स्थगित कर दी गई. वहीं, समिति के सदस्य और बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने समिति की दूसरी सदस्य मोहुआ मोइत्रा पर उन्हें ‘बिहारी गुंडा’ कहने का सनसनीखेज़ आरोप लगाया है. मोहुआ मोइत्रा तृणमूल कांग्रेस की सांसद हैं.
आईटी मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति की आज की बैठक में अजीबोग़रीब स्थिति पैदा हो गई. बैठक में समिति के बीजेपी सदस्य तो पहुंचे लेकिन उन्होंने उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर करने से मना कर दिया. ऐसे में बैठक में शामिल कांग्रेस समेत ग़ैर एनडीए सदस्यों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि बिना रजिस्टर पर हस्ताक्षर किए बैठक में शामिल नहीं हो सकते. इसके बाद भी बीजेपी सदस्यों ने जब हस्ताक्षर करने से मना कर दिया तो समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने कोरम की कमी के नियम का हवाला देते हुए बैठक स्थगित करने का एलान कर दिया.
संसदीय समिति में अध्यक्ष को मिलाकर सदस्यों की कुल संख्या 31 होती है जबकि बैठक के लिए कम से कम 11 सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य होती है. बैठक स्थगित होने के बाद समिति के सदस्य और कांग्रेस सांसद कार्ति चिदम्बरम ने ट्वीट कर दावा किया कि बैठक में बुलाए गए आईटी मंत्रालय और गृह मंत्रालय के अधिकारी भी नहीं पहुंचे.
वहीं, बैठक में पहुंचे बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने समिति की सदस्य और तृणमूल कांग्रेस की सांसद मोहुआ मोइत्रा पर एक सनसनीखेज आरोप जड़ दिया. दुबे ने एक ट्वीट कर दावा किया कि बैठक में मोइत्रा ने उन्हें बिहारी गुंडा कहकर संबोधित किया.
झारखंड के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट किया, "लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला जी अपने 13 साल के संसदीय जीवन में पहली बार गाली सुना, तृणमूल कॉंग्रेस की सदस्य महुआ मोइत्रा द्वारा बिहारी गुंडा आईटी कमिटि के मीटिंग में तीन बार बोला गया ओम बिरला जी शशि थरूर जी ने इस संसदीय परम्परा को ख़त्म करने की सुपारी ले रखी है.”
लोकसभा @loksabhaspeaker जी अपने १३ साल के संसदीय जीवन में पहली बार गाली सुना,तृणमूल कॉंग्रेस की सदस्य महुआ मोइत्रा द्वारा बिहारी गुंडा आईटी कमिटि के मीटिंग में तीन बार बोला गया @ombirlakota जी@ShashiTharoor जी ने इस संसदीय परम्परा को ख़त्म करने की सुपारी ले रखी है
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) July 28, 2021
अपने एक और ट्वीट में उन्होंने कहा, “तृणमूल ने बिहारी गुंडा शब्द का प्रयोग कर बिहार के साथ साथ पूरे हिन्दी भाषी लोगों को गाली दी है, ममता बनर्जी जी आप के सांसद महुआ मोइत्रा की इस गाली ने उत्तर भारतीय व ख़ासकर हिंदी भाषी लोगों के प्रति आपके पार्टी के नफ़रत को देश के सामने लाया है."
निशिकांत दुबे के आरोप का जवाब देते हुए मोहुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया कि जब समिति की बैठक हुई ही नहीं तो वो किसी को कैसे गाली दे सकती हैं. मोइत्रा ने ट्वीट किया, “आईटी की मीटिंग नहीं हुई क्योंकि कोरम पूरा नहीं हुआ. सदस्यों ने इसमें हिस्सा नहीं लिया. मैं किसी को ऐसे नाम से कैसे बुला सकती हूं जो मौजूद ही नहीं था. अटेंडेंस शीट चेक करें.”
Am a bit amused by charges of name-calling.
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) July 28, 2021
IT mtng did not happen because NO quorum - members did not attend.
How can I call someone a name who was not even present!!
Check attendance sheet!@ShashiTharoor , @KartiPC @NasirHussainINC @MdNadimulHaque6
दरअसल आज ही निशिकांत दुबे समेत बीजेपी और अन्य दलों के 17 सांसदों ने समिति के अध्यक्ष शशि थरूर के ख़िलाफ़ लोकसभा स्पीकर को विशेषाधिकार हनन का नोटिस देकर थरूर में अविश्वास भी व्यक्त किया है. दुबे ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए थरूर पर समिति की बातें लीक करने का आरोप लगाया. उन्होंने स्पीकर से आग्रह किया है कि जबतक उनकी शिकायत पर कोई फ़ैसला नहीं होता तबतक उन्हें समिति की बैठक बुलाने नहीं दिया जाए.
साफ़ है कि जैसे जैसे मानसून सत्र के दिन बढ़ते जा रहे हैं, जासूसी कांड का मुद्दा सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द बनता जा रहा है. संसद में कामकाज तो बाधित हो ही रहा है, सरकार और विपक्ष में तल्खी भी बढ़ती जा रही है.