अमेरिका की प्रमुख पत्रिका टाउन एंड कंट्री ने नीता अंबानी और रिलायंस फाउंडेशन को साल 2020 के टॉप समाजसेवियों (Philanthropists) की लिस्ट में शामिल किया है. वे इस लिस्ट में शामिल होने वाली अकेली भारतीय हैं. इस लिस्ट में टिम कुक, ओपरा विनफ्रे, लौरेन पावेल जॉब्स, लॉडर फैमिली, डी. वर्साचे, माइकल ब्लूमबर्ग, लियोनार्डो डी कैप्रियो और दूसरी हस्तियां शामिल हैं. भारत के पहले कोविड-19 अस्पताल बनवाने, वित्तीय सहायता और गरीब-मजदूरों को भोजन उपलब्ध कराने जैसे कार्य को रेखांकित करते हुए इस लिस्ट में नीता अंबानी को जगह दी गई है.
टाउन एंड कंट्री अमेरिकी की लीडिंग लाइफस्टाइल मैग्जीन है. इसके साथ ही 1846 से लगातार छपने वाली सबसे पुरानी पत्रिका है. ये पत्रिका एक अपने एक एडिशन को पूरी तरह उन समाजसेवियों को समर्पित करती है जो अपने प्रतिबद्धता और सरलता से प्रभावित करते हैं. इस पत्रिका ने इस बार लिखा है कि ये लोग ऐतिहासिक परिस्थितियों में लोगों की और हमारी आशा की भावना की सेवा कर रहे हैं.
पत्रिका ने कहा, "हमने इसे बार-बार देखा है कि आतंकवाद, त्रासदी और आघात के बाद जो सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं उनकी तुरंत मदद की जाती है. ये जवाबदेही परोपकार को अद्वितीय बनाती है. ये परोपकार को हर समय के लिए अच्छा बनाती है.
फिलैन्थ्रॉपी (परोपकार) एक ग्रीक शब्द है. यह मोटे तौर पर मानव जाति के लिए प्यार को दर्शाता है. लेकिन यह भी एक विचार है. परोपकार अंधेरे में रोशनी लाता है. निराशा और संकट के क्षणों में आशा लाता है. यह सभी के लिए न्याय में उदारता को दर्शाता है.
नीता अंबानी के प्रयास को रेखांकित करते हुए पत्रिका ने कहा, ‘’नीता अंबानी और रिलायंस फाउंडेशन की तरफ से मजदूरों और गरीबों में भोजन और मास्क बांटे गए. भारत के पहले कोविड-19 अस्पातल की स्थापना की गई और इमरजेंसी फंड में 72 मिलियन डॉलर का दान दिया गया.’’
इस मौके पर नीता अंबानी ने कहा, ‘’संकट से राहत पाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि संसाधन और राहत पर तत्काल ध्यान दिया जाए. बीते सालों में हमने इन सालों में हमने अपने प्रयासों को प्रभावशाली और निरंतर बनाने के लिए रिलायंस फाउंडेशन और रिलायंस इंडस्ट्रीज को संकट में तुरंत रिस्पॉन्स करने के लिए तैयार किया है. हम खुश हैं कि हमारी पहल को वैश्विक स्तर पर मान्यता दी जा रही है. जब भी जरूरत पड़ेगी हम हमारी सरकार और हमारे समुदाय का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”